दुनिया भर में जारी कोरोना वायरस के खौफ के बीच मध्य प्रदेश में सोमवार को सत्ता बदल गई और कांग्रेस के कमलनाथ की जगह भारतीय जनता पार्टी के शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बन गए। नई सरकार के अस्तित्व में आने के बाद आज यानी मंगलवार से शुरू हुए विधानसभा सत्र के पहले दिन भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने चौथे कार्यकाल के लिए मध्य प्रदेश विधानसभा में सर्वसम्मति से विश्वासमत हासिल कर लिया है। इस दौरान एक भी कांग्रेस विधायक सदन में मौजूद नहीं था। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया।
बता दें कि यह सत्र 27 मार्च तक चलेगा। चार दिन तक चलने वाले इस सत्र में कुल तीन बैठकें होंगी। इस बीच सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने आधी रात को ही स्पीकर पद से इस्तीफा दे दिया है।
भविष्य में शिवराज सिंह के सामने कई चुनौतियां
भविष्य में शिवराज सिंह चौहान के सामने कई चुनौतियां हैं, जिसमें अगले छह महीनों के अंदर प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने वाला उपचुनाव प्रमुख है। शिवराज को अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए इनमें से नौ सीटें जीतना जरूरी है।
आधी रात को स्पीकर ने दिया इस्तीफा
सत्ता परिवर्तन के बाद सीएम शिवराज सिंह विधानसभा में अपना विश्वासमत साबित करें, उससे पहले सोमवार की रात स्पीकर एनपी प्रजापति ने इस्तीफा दे दिया। विधानसभा उपाध्यक्ष को भेजे अपने इस्तीफे में उन्हाेंने इसके लिए नैतिकता को आधार बनाया है।
24 सीटों पर 6 महीने में चुनाव होंगे
विधानसभा में 230 सीटें हैं। 2 विधायकों के निधन के बाद 2 सीटें पहले से खाली हैं। सिंधिया समर्थक कांग्रेस के 22 विधायक बागी हो गए थे। इनमें 6 मंत्री भी थे। स्पीकर एनपी प्रजापति इन सभी के इस्तीफे मंजूर कर चुके हैं। इस तरह कुल 24 सीटें अब खाली हैं। इन पर 6 महीने में चुनाव होने हैं।
रात 9 बजे हुआ शपथ ग्रहण
मध्य प्रदेश में सोमवार रात भारतीय जनता पार्टी ने फिर से सरकार बना ली। मध्य प्रदेश बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना, जिसके बाद शिवराज सिंह ने चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजभवन की ओर से मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण के लिए रात 9 बजे का वक्त दिया गया था। शिवराज सिंह चौहान ने रात 9 बजे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
चौथी बार सीएम बने शिवराज
शिवराज सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की चौथी बार शपथ ली। उन्होंने सीएम पद की शपथ लेने के बाद चौथी बार मध्य प्रदेश की कमान संभाली है। पहली बार वह 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद वह 12 दिसंबर 2008 में दूसरी बार सीएम बने। 8 दिसंबर 2013 को उन्होंने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली थी।