जम्मू और कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दल नेशनल कांफ्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार से अपने शीर्ष नेतृत्व की रिहाई की अपील की है ताकि वे लोग फिर से राजनीतिक गतिविधियों को शुरू कर सकें। पार्टी ने इसके अलावा इस बात का भी खंडन किया है कि नेशनल कांफ्रेस अपने पार्टी के नेताओं की सुरक्षित रिहाई के लिए केंद्र सरकार के साथ कोई सौदा करने जा रही है।
मीडिया में हो रहा गलत प्रचार
नेशनल कांफ्रेस द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार उनके संरक्षक फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के साथ-साथ हिरासत में लिए गए अन्य नेता कभी भी कश्मीर नहीं छोड़ेंगे। बयान में कहा गया है कि “पार्टी इस बात को रिकॉर्ड में रखना चाहेगी कि इस तरह की कोई पेशकश नहीं की गई है और न ही कोई सौदा स्वीकार्य होगा।” पार्टी के नेताओं में से किसी के भी “निर्वासन में जाने या देश छोड़ने का कोई सवाल नहीं उठता है।” बयान में कहा गया है, “अगस्त 2019 के पहले सप्ताह में हिरासत में लिए गए सभी लोगों को बिना शर्त रिहा किया जाना चाहिए और सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिए।”
पिछले साल अगस्त से हैं हिरासत में
फारूख और उमर अब्दुल्ला पिछले साल 5 अगस्त को हिरासत में लिए गए राजनेताओं में से एक थे। केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवंं कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। इसके तहत राज्य को तीन हिस्सों में बांट दिया था। हालांकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कुछ दिनों में राज्य के कुछ नेताओं को रिहा किया है। लेकिन अभी तक किसी बड़े कद के नेता को रिहा नहीं किया गया है।