राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित पवार द्वारा अपनी स्थिति स्पष्ट करने के बाद भी वह राकांपा में विभाजन की अटकलों को हवा दे रही है।
राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भाजपा से पूछना चाहिए कि वह उन पर और उनकी शिव सेना पर इतना ‘दबाव’ क्यों बनाने की कोशिश कर रही है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने मंगलवार को उन अटकलों को खारिज कर दिया था कि वह और उनके वफादार विधायकों का एक समूह सत्तारूढ़ भाजपा के साथ गठबंधन कर सकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि वह जीवित रहने तक अपनी पार्टी (राकांपा) के लिए काम करेंगे।
पवार ने कहा कि राकांपा में किसी तरह की दरार और भाजपा से उनके हाथ मिलाने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है।
राकांपा नेता ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया था कि उन्होंने पार्टी के 53 विधायकों में से 40 के हस्ताक्षर ले लिए हैं।
क्रैस्टो ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘अजित दादा पवार द्वारा कल अपनी स्थिति स्पष्ट करने के बाद भी भाजपा अपने सूत्रों के माध्यम से मीडिया में खबरें फैला रही है। एकनाथ शिंदे और उनके समूह को भाजपा से पूछना चाहिए कि वे उन पर इतना दबाव क्यों बना रहे हैं।’’
शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने मंगलवार को कहा कि अगर अजित पवार राकांपा नेताओं के एक समूह के साथ भाजपा से हाथ मिलाते हैं तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना महाराष्ट्र में सरकार का हिस्सा नहीं होगी।
अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम के बारे में अफवाहें पिछले हफ्ते तब शुरू हुईं जब उन्होंने अचानक अपनी निर्धारित बैठकों को रद्द कर दिया और ऐसी टिप्पणियां भी कीं जिन्हें भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे के प्रति नरम माना जा रहा था। भाजपा शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा है।
शिव सेना नेता संजय राउत ने रविवार को उन अफवाहों को हवा दे दी थी जब उन्होंने दावा किया था कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने हाल ही में उद्धव ठाकरे से कहा था कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ कभी हाथ नहीं मिलाएगी, भले ही कोई ऐसा करने का व्यक्तिगत निर्णय ले।
शरद पवार ने मंगलवार को अपने भतीजे अजित पवार के अगले राजनीतिक कदम के बारे में अटकलों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि अजित पवार पार्टी के काम में व्यस्त हैं और मीडिया को इस मुद्दे को खींचने की कोई जरूरत नहीं है।