बिहार में एनडीए ने राज्य में सीट बंटवारे का रविवार को ऐलान भी कर दिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कौन पार्टी कहां से चुनाव लड़ेगी, इसकी घोषणा कर दी है। इसमें भाजपा ने अपने दो बड़े नेता शाहनवाज हुसैन और गिरिराज सिंह की सीट सहयोगियों को दे दी हैं। भाजपा और जेडीयू को 17-17 सीटें मिली हैं। वहीं लोजपा को 6 सीट दी गई हैं।
किसको कौन सी सीट
जदयू: कटिहार, पूर्णिया, गोपालगंज, सीवान, भागलपुर, बांका, मुंगेर, नालंदा, काराकाट, गया, जहानाबाद, सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा, वाल्मीकि नगर, सीतामढ़ी, झंझारपुर।
भाजपा: पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, महाराजगंज, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सारण, उजियारपुर, बेगूसराय, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, शिवहर, बक्सर, सासाराम और औरंगाबाद।
लोजपा: वैशाली, समस्तीपुर, हाजीपुर, खगड़िया, जमुई, नवादा
जेडीयू को मिली भागलपुर सीट
इस लिस्ट में कुछ सीटों को लेकर हैरानी भी जताई जा रही है। इसमें पहला नाम आता है। भागलपुर सीट का। यह सीट पहले भारतीय जनता पार्टी (शाहनवाज हुसैन) के पास थी। लेकिन अब यह जेडीयू को मिली है। वहीं भाजपा ने नवादा सीट लोजपा को दी है। इस सीट से फिलहाल भाजपा के गिरिराज सिंह सांसद हैं।
कैसा है एनडीए गठबंधन?
बिहार की 40 सीटों पर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा और नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू के साथ रामविलास पासवान की लोजपा का गठबंधन है। 2004 के बाद के तमाम चुनाव को देखें तो तीनों को मिलाकर राज्य में 45 फीसदी वोट हमेशा रहे हैं। मोदी की लोकप्रियता बिहार में अभी भी कायम है। राज्य में जेडीयू और भाजपा 17-17 सीटों और एलजेपी 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन जमीन पर कई चुनौतियां भी हैं। सामाजिक समीकरण के हिसाब से लगभग एक दर्जन सीट ऐसी हैं जहां एनडीए को मुस्लिम-यादव समीकरण में सेंध लगाना ही होगा तभी जीत मिलेगी।
बिहार में कुल 7 चरणों में चुनाव होना है। इसमें 4 सीटों पर 11 अप्रैल, 5 सीटों पर 18 अप्रैल, 5 सीटों पर 23 अप्रैल, 5 सीटों पर 29 अप्रैल, 5 सीटों पर 6 मई, 8 सीटों पर 12 मई और बाकी 8 सीटों पर 19 मई को वोटिंग होगी। मतगणना 23 मई को होगी।