बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर गैर-एनडीए दलों की ओर होने वाली मीटिंग से दूर रह सकते हैं। अब सियासी गलियारों में इस बात की अटकलें तेज है कि विपक्षी दलों के द्वारा उपराष्ट्रपति को लेकर आयोजित चर्चा में वे शायद ही हिस्सा लें। इससे पहले वे विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आयोजित बैठक से भी दूरी बनाए रहे। हालांकि जदयू की ओर से कहा गया था कि उपराष्ट्रपति चुनाव में उनकी पार्टी यूपीए के कैंडिडेट का साथ दे सकती है।
इसलिए नहीं होंगे शामिल!
खबरों के मुताबिक बिहार के सीएम की तबीयत नासाज है। लेकिन सियासी जानकार इसे राजनीतिक चश्मों से देख रहे हैं। बता दें कि मंगलवार को जहां गैर-एनडीए दलों ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर बैठक का आयोजन किया है। उसी दिन जदयू ने भी अपने विधायकों और सांसदों की पटना में मीटिंग रखी है।
हालांकि इसे लेकर नीतीश कुमार ने कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है। लेकिन नीतीश के इस रवैये को विपक्षी दलों की ओर से महागठबंधन बनाने के प्रयासों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    