काफी दिनों बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी और उनकी सरकार पर सीधा हमला बोला है। नीतीश ने कहा कि जब 2014 के चुनावों से पहले मोदी जी बीजेपी के पीएम उम्मीदवार थे तब उन्होंने किसानों को लेकर कई वादे किए थे। साथ ही किसानों के लिए बीजेपी के घोषणापत्र में तमाम वादें शामिल किये गये थे। नीतीश कुमार ने कहा कि आज किसानों को उनकी उपज की उचित कीमत नहीं मिल रही है और किसान आंदोलन करने के लिए विवश हैं। उन्होंने बीजेपी से पूछा कि किसानों के संकट के संबंध में सरकार ने क्या कदम उठाएं हैं ।साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर नीति नहीं बनाएं जाने पर उन्होंने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो किसानों के लिए उनकी फसल का उत्पादन मूल्य का निर्धारण होना चाहिए। कोई समस्या खड़ी होने पर लोन माफ कर देने से थोड़ी राहत तो मिल जाती है लेकिन कृषि संकट दूर नहीं होगा।
ग्रुप डी से भी कम आय है किसानों की
नीतीश ने कहा कि आज किसान की हालत खराब है और उनकी आमदनी ग्रुप डी के कर्मचारी से भी कम है। उन्होंने कहा कि किसानों लिए राष्ट्रीय स्तर पर सोच विकसित करनी होगी। नीतीश ने कहा कि किसान संकट का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि आज मराठा, जाट, पाटीदार जैसे समूह जो कभी कृषि क्षेत्र में काफी सशक्त थे इतने पिछड़ गए कि वो आरक्षण की मांग के लिए मजबूर हो गए हैं। विभिन्न प्रांतों में लोग आरक्षण की मांग कर रहे हैं इसकी एक बड़ी वजह किसान संकट है।
अमित शाह पर निशाना
इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर टिप्पणी को लेकर बिना नाम लिए ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में संवेदनहीनता और इनटॉलरेंस के बढ़ते माहौल से गांधी के विचार ही मुक्ति दिलाएंगे। इसके साथ ही नीतीश ने कहा कि वह तो इस काम में जुटे हुए हैं कि जन-जन तक गांधी के संदेश को पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि हम चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने पर बिहार में विशेष आयोजनों करा रहें है।