Advertisement

नीतीश बोले हमारे बीच है "विभीषण", इन पर है इशारा

मंगलवार को विधानसभा के अंदर और बाहर, दोनों तरफ नेताओं और पुलिस के बीच जो हाथापाई हुई और महिला विधायकों...
नीतीश बोले हमारे बीच है

मंगलवार को विधानसभा के अंदर और बाहर, दोनों तरफ नेताओं और पुलिस के बीच जो हाथापाई हुई और महिला विधायकों को बाहर घसीटते हुए ले जाया गया। उसने सुशासन बाबू के तमगे पर सवाल उठा दिए हैं। तेजस्वी लगातार हमलावर हैं। नीतीश कुमार ने आशंका जताई है कि लाए गए बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था या किसी ने गलत जानकारी फैलाई। यानी नीतीश को इस घटना के बाद अपने पाले में 'विभीषण' नजर आने लगे हैं। 

दरअसल, पुलिस और अन्य सुरक्षा बल विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की महिला विधायकों को सदन से बाहर घसीटते हुए कैमरे में कैद हुए। यहां तक की विधायकों परो लाठी डंडे और लात-घूसे भी सुरक्षाबलों ने बरसाएं। सत्तारूढ़ दल एनडीए के विधायकों और महागठबंधन में भी हाथापाई की नौबत आ गई। कई विधायकों को चोटे भी आई। अब इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बात का संदेह है कि राज्य के गृह विभाग या पुलिस प्रशासन के किसी व्यक्ति ने नए कानून को लेकर उपजे हालात के पीछे की भूमिका निभाई है। हंगामे पर बिहार विधानसभा में बोलते हुए नीतीश कुमार ने दावा किया कि उन्होंने 1985 में पहली बार विधायक बनने से लेकर आज तक, अपने पूरे विधायी करियर में कभी नहीं देखा था।

आगे सीएम नीतीश ने कहा, “उन्होंने डीजीपी और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के साथ तीन घंटे तक बिल के प्रत्येक पहलू पर चर्चा की गई। इससे पहले ये देखा गया कि क्या सदन में पेश किए जाने से पहले इसमें कोई समस्या या कमी थी। विरोध को लेकर सीएम ने कहा, "मैं हैरान हूं। मैंने अपने विभाग को इसके बारे में भी बताया है। मैंने डीजीपी और अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) से पूछा था कि क्या विभाग के भीतर से कोई बिल पर गलत जानकारी फैला रहा है? ”

हालांकि, नीतीश कुमार ने माना है कि बिल को विधानसभा में पेश किए जाने से पहले मीडिया को विस्तृत जानकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा पहले ठीक से बता देना चाहिए था। उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि अधिकारियों को मीडिया को बिलों का विवरण देना चाहिए था। अगर ऐसा हुआ होता तो इस तरह की नौबत नहीं आती।“

बिल को लेकर विपक्ष का आरोप है कि इससे राज्य में पुलिसिया अत्याचार और बढ़ेंगे। तेजस्वी ने कहा कि विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक के रूप में काला कानून लाया गया है। तेजस्वी ने कहा कि आज कोई अपराधी अपराध करेगा तो बिना वारंट पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है, लेकिन इस विधेयक के अनुसार पुलिस केवल विश्वास के आधार पर भी किसी को गिरफ्तार कर सकती है और जितने दिन तक चाहे हिरासत में रख सकती है। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad