उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नोटबंदी से कौन-सा उद्देश्य पूरा हुआ है? लोग बैंक की कतारों में मर रहे हैं और आतंकवादियों का हमला अब भी जारी है। ऐसे में नोटबंदी का मूल उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मोरारजी देसाई ने 1978 में नोटबंदी की थी, उससे क्या हुआ? अर्थव्यवस्था क्यों नहीं बहुत अच्छे स्तर पर पहुंची। प्रधानमंत्री कहते हैं कि इंदिरा गांधी ने 1971 में नोटबंदी के फैसले की उपेक्षा की इसलिए हमारी अर्थव्यवस्था सफर कर रही है। अब केंद्र के नोटबंदी के फैसले से कौन-सा उद्देश्य पूरा हुआ है?
दरअसल, उद्धव ठाकरे एक समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने इस दौरान नोटबंदी के फैसले से आम आदमी को हो रही कठिनाइयों का जिक्र किया और मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘जवानों ने देश की सेवा की और दुश्मन की गोलियों का सामना किया। लेकिन रिटायर होने के बाद उन्हें उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब वे खुद की गोलियों से मर रहे हैं।’