लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले मणिपुर में भाजपानीत गठबंधन को झटका लगता दिखाई दे रहा है। यहां नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) गठबंधन सरकार से हटने के बारे में फैसला कर सकता है। हालांकि एनपीएफ यह फैसला 23 मई को लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद करेगा। बता दें कि 60 सीटों वाले मणिपुर में एनपीएफ के 4 विधायक हैं और बीजेपी के एन बीरेन सिंह राज्य के मुख्यमंत्री हैं। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन अन्य पार्टियों के समर्थन से भाजपा ने सरकार बना ली थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि कोहिमा में शनिवार शाम गठबंधन से हटने के विषय पर हुई एनपीएफ के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में इस पर कोई फैसला नहीं हो सका।
क्या है वजह?
एनपीएफ का आरोप है कि राज्य में सरकार चलाने के संबंध में उसकी बातों और सलाह पर भाजपा ध्यान नहीं देती है। हालांकि भाजपा ने इन आरोपों से इनकार किया है। इस बारे में एनपीएफ चीफ टी आर जेलियांग ने ट्वीट करके कहा, 'पार्टी अधिकारियों और मणिपुर में एनपीएफ के विधायकों की मीटिंग के बाद हमने फैसला लिया है कि हम सैद्धातिंक रूप से मणिपुर की बीजेपी सरकार से लोकसभा चुनाव के बाद समर्थन वापस लेंगे। यह फैसला भाजपा के उदासीन रवैये के चलते लिया गया है।'
सीएम बीरेन सिंह ने गतिरोध पर क्या कहा था?
हाल ही में एनपीएफ और भाजपा के बीच जारी गतिरोध के बारे में मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा था, 'सरकार बनाते समय एनपीएफ और बीजेपी के बीच समझौता हुआ था। कुछ अपरिहार्य कारणों के चलते उनकी मांगें पूरी नहीं की जा सकी हैं। लोकसभा चुनाव के बाद उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाएगा। फिलहाल मैं मणिपुर की सरकार के बारे में कुछ नहीं सकता हूं।'
किनके पास कितनी सीटें?
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस को 28, बीजेपी को 21, एनपीएफ को 4, एनपीईपी को 4, एलजेपी को एक, टीएमसी को एक और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली थी। नगा पीपुल्स फ्रंट द्वारा समर्थन वापसी से फिलहाल भाजपा सरकार की सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। 60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा में बीजेपी के 29 विधायक हैं. सरकार को अबतक समर्थन दे रही पार्टियों में एनपीएफ के 4 विधायक, एलजेपी के 1 विधायक, एआईटीसी के 1 और 1निर्दलीय विधायक शामिल है। बीजेपी सरकार को अबतक 36 विधायकों का समर्थन हासिल था। एनपीएफ द्वारा समर्थन वापसी के बावजूद बीजेपी के पास 32 विधायकों का समर्थन मौजूद रहेगा। बता दें कि मणिपुर में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां 21 सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में कांग्रेस के 8 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे और बीजेपी का संख्याबल 29 हो गया था।