न्यायमूर्ति पी.एस. तजी की पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने वकील शैलेंद्र बब्बर और अनिल सोनी की उपस्थिति पर आपत्ति जताई जिन्हें मामले में प्रतिनिधित्व के लिए दिल्ली पुलिस ने विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) नियुक्त किया है।
मेहरा ने पीठ से कहा, मुझे उनकी उपस्थिति पर एतराज है। इसके बाद बब्बर ने कहा कि उपराज्यपाल ने उन्हें इस मामले में पुलिस का प्रतिनिधित्व करने के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है। बहरहाल अदालत ने कथित तौर पर जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए कन्हैया को मिली अंतरिम जमानत को रद्द करने की याचिका पर चार हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा है।
अदालत ने कहा, अपने जवाब में आपको जो कहना है वह कहिए। मैं हर चीज लिखित में चाहता हूं। अदालत ने कहा, यह न्याय के हित में होगा कि राहुल मेहरा और शैलेंद्र बब्बर दोनों चार हफ्ते के अंदर अपने जवाब दाखिल करें। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 19 जुलाई तय की है। सुनवाई के दौरान मेहरा ने पीठ से कहा कि याचिकाकर्ताओं को इस तरह की याचिका दायर करने में पहले अदालत को अपनी स्थिति से संतुष्ट करना होगा। मेहरा द्वारा याचिकाकर्ताओं की संबद्धता का मुद्दा उठाने पर पीठ ने कहा, पहले हमें जवाब देने दीजिए। आपको जो भी कहना है अपने जवाब में कहिए।
पीठ ने कहा, इन आपत्तियों :मेहरा द्वारा याचिकाकर्ताओं की संबद्धता के बारे में उठाने और पुलिस की तरफ से एसपीपी के पेश होने पर: को मौखिक रूप से स्वीकार नहीं किया जा सकता। आप सरकार ने पहले अदालत से कहा था कि छात्रा नेता ने जमानत की किसी शर्त का उल्लंघन नहीं किया। पुलिस ने पहले कहा था कि कन्हैया को मिली अंतरिम जमानत को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर वह तथ्यों की पुष्टि किए बगैर टिप्पणी नहीं कर सकती और वे जांच कर रहे हैं कि क्या किसी जमानत की शर्त का उल्लंघन हुआ है या नहीं।