बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अपनी पार्टी के विधायकों के टूटने के मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के दावों पर पलटवार करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में जनता ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव एवं उनकी पार्टी को खारिज कर दिया है इसलिए बचाना है तो राजद खुद को टूटने से बचाए।
जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने गुरुवार को यहां कहा कि विधानसभा चुनाव में तो जनता ने राजद और उसके नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को पूरी तरह से खारिज कर दिया। लेकिन, तेजस्वी यादव अब अपने मातहतों के जरिए बार-बार जदयू के खिलाफ बयान दिला रहे हैं, जो सत्ता के लिए उनकी बेचैनी को उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि राजद नेताओं के ‘पार्टी को टूट से बचाना है तो बचा लो’ जैसे बयान से प्रतीत होता है कि राजद को जदयू की ताकत का अंदाजा नहीं है। नीतीश बिहार के सर्वकालीन एवं सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री हैं। जदयू के सभी नेता एवं जनप्रतिनिधि श्री कुमार के नेतृत्व में न केवल एकजुट हैं बल्कि उनके नेतृत्व में जनता के विकास के लिए कृत संकल्पित भी हैं।
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि वहीं दूसरी ओर राजद के विधायक उनके नेता तेजस्वी यादव को छोड़कर किसी भी समय किसी भी दल में शामिल हो सकते हैं क्योंकि उनकी कार्यशैली में वे सभी अपने आप को असहज महसूस कर रहे हैं। उन्हें पता है कि तेजस्वी यादव में बिहार का नेतृत्व करने का माद्दा नहीं है। वह न तो जन समस्याओं से जूझ सकते हैं और न ही एक राजनेता के तौर पर जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उनकी स्वीकार्यता है।
राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि जो लोग भी ऐसे बेबुनियाद बयान दे रहे हैं वह सभी पराजित नेता हैं और उनके बयानों का कहीं कोई मोल नहीं है और न ही जनता के बीच उनका कोई वजूद बचा है। ऐसे बयान वही लोग दे रहे हैं जिनकी सियासत बेपटरी हो चुकी है और पुनर्वास के लिए वह अपने आकाओं को खुश करने में लगे हुए हैं।