अगर गर्ग के आरोप में जरा सी भी सच्चाई है तो ये गंभीर मामला बनता है क्योंकि इसका अर्थ यह निकलता है कि भाजपा को बदनाम करने के लिए आम आदमी पार्टी ही साजिश कर रही थी।
गर्ग को हाल में पार्टी से निलंबित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि उन्हें केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के कार्यालय से 10 करोड़ रुपये देने की पेशकश करने वाली फर्जी कॉल की उनकी शिकायत पर पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जिसे बाद में आप के हस्तक्षेप से छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा, सरकार गठन के प्रारंभिक चरण में मुझे किसी ने फोन किया जिसने दावा किया कि वह अरुण जेटली के कार्यालय से बोल रहा है और उसने भाजपा को समर्थन के लिए 10 करोड़ रूपये देने की पेशकश की। गर्ग ने कहा, इस पर मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी जिसने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। तब मुझे संजय सिंह का फोन आया कि अपनी शिकायत वापस ले लो। मैंने शिाकयत वापस नहीं ली, लेकिन वे उसे रिहा कराने में सफल हो गए। गर्ग ने कहा कि इसके रिकार्ड दिल्ली पुलिस से निकाले जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आप के कई अन्य विधायकों ने पार्टी विधायकों की एक बैठक में जेटली और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय से आए फर्जी कॉल्स का मुद्दा उठाया था।