दो दफा असम के मुख्यमंत्री रह चुके प्रफुल्ल कुमार महंत ने कहा, `2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने कई वादे किए थे, लेकिन राजग सरकार कुछ भी नहीं कर पाई है।’ गठबंधन में कम सीटें मिलने से नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा, `निजी तौर पर मैं इससे खुश नहीं हूं। 124 में से 26 सीटें- बहुत ही कम हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सीटें बढ़ाने का वादा किया था। तिनसुकिया, डिब्रूगढ़ और गोआलपाड़ा समेत कई ऐसी सीटें हैं, जो असम गण परिषद को मिलनी चाहिए थीं। अभी तक बराक घाटी को लेकर भी कोई समझौता नहीं हुआ है। सीटों की पहचान करने के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनने की बात थी। मैं अभी भी अमित शाह की ओर से फोन का इंतजार कर रहा हूं।’
वे कहते हैं कि मौजूदा राजनीतिक हालात में कांग्रेस को हाशिए पर करने के लिए हमारे पास भाजपा से हाथ मिलाने के अलावा कोई चारा नहीं था। हालांकि, गठजोड़ को लेकर हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। यह पूछे जाने पर कि क्या यह सही है कि आपको गठजोड़ में शामिल होने के ऐवज में राज्यपाल बनाने का वादा किया गया है, महंत ने कहा- अगर मुझे राज्यपाल बनना होता तो मैं 10 साल पहले ही कर चुका होता। मुझे अभी अगप में रहकर राजनीति करनी है।