राजस्थान में जारी सियासी संग्राम के बीच नेताओं की बयानबाजी लगातार जारी है। कांग्रेस आलाकमान की तरफ से राजस्थान भेजे गए पर्यवेक्षक आज सोनिया गांधी को लिखित में रिपोर्ट सौंपेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले कांग्रेस नेता और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने पर्यवेक्षकों को लेकर बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ऑब्जर्वर्स को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी।
प्रताप सिंह खाचरियावास ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, "पर्यवेक्षकों को इतनी जल्दी परेशान नहीं होना चाहिए, उन्हें थोड़ी देर इंतजार करना चाहिए था। हम अपने ही लोगों से लड़ना नहीं चाहते। अगर धारीवाल जैसे वरिष्ठ नेता ने मुद्दे उठाए हैं तो पार्टी को उन पर ध्यान देना चाहिए।"
#RajasthanCongressCrisis | Observers shouldn't be upset this early, they should have waited for a while. We don't want to fight with our own people. If a senior leader like Dhariwal has raised issues then the party should pay heed to them:Gehlot loyalist minister PS Khachariyawas pic.twitter.com/V8DNsFeEGs
— ANI (@ANI) September 27, 2022
उन्होंने कहा कि इतना जल्दी पर्यवेक्षकों को नाराज नहीं होना चाहिए। ऐसे गुस्सा राजनीति में नहीं होता। अनुशासनात्मक कार्रवाई तो हमें भाजपा पर करनी चाहिए। हमें भाजपा के विधायकों को तोड़ना चाहिए। हम अपने लोगों से नहीं लड़ना चाहते, हमें तो भाजपा से लड़ना है।
खाचरियावास ने कहा कि अनुशासनात्मक कार्रवाई उन लोगों पर होनी चाहिए थी जो मानेसर गए थे। विधायक सोनिया जी के हर फैसले को मानने को तैयार हैं। मीडिया के जरिए धारणा बनाकर पीएम या सीएम की कुर्सी पर कब्जा नहीं कर सकते, जनता का विश्वास जीतने के लिए संघर्ष करने पड़ते हैं।
इससे पहले सोमवार को प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा था, "सड़कों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उतरना पड़ेगा, फिर प्रतापसिंह खाचरियावास उतरेगा। सड़कों पर बराबर का मुकाबला करेंगे। बीजेपी लाठी चलाएगी तो लाठी का जवाब देंगे, बीजेपी गोली चलाएगी तो गोली का जवाब देंगे, बीजेपी जुल्म करेगी तो जुल्म का जवाब देंगे। बीजेपी एजेंसियां भेजेगी तो एजेंसी का जवाब देंगे, लेकिन कांग्रेस की सरकार बचाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता कल भी एक था आज भी एक है।"