पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) भी सक्रिय है और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए तैयार है। इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को बैठक की। इस बैठक के बाद किसान मोर्चा के सदस्यों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि विधानसभा चुनावों में किसान विरोधी बीजेपी को सजा देना होगा।
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बजट से बहुत उम्मीद थी, लेकिन नुकसान हुआ है। उत्तर प्रदेश में हमारा सभी से ये सवाल रहेगा, जो भी वोट मांगने आएंगे उनसे पूछेंगे कि उन्होंने किसानों के लिए क्या किया?
बीकेयू के नेता ने कहा, ''एक पर्चा देंगे वोटर्स को जिसमें कई सारे सवाल होंगे, सभी वोट मांगने वालों से उसमें हां या ना में जवाब लेंगे। उत्तराखंड में भी ये पर्चा लोगों को बांटेंगे जिसमें हमारे सवाल है। इसका जवाब वोट मांगने आए सभी से लेंगे। इन जवाबों के आधार पर वोटर खुद तय करेगा कि किसको वोट देना है?''
यहां पढ़ें संयुक्त किसान मोर्चा की अपील
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकत ने केंद्र सरकार की ओर से संसद में पेश किए गए बजट-2022 को किसानों के साथ भारी धोखा बताया। राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों को कोई राहत नहीं दी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने एमएसपी का बजट कम कर दिया है, इससे लगता है कि सरकार एमएसपी पर खरीदारी नहीं करना चाहती है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड की जनता के नाम अपील जारी कर कहाँ सरकार से सवाल करे।संयुक्त किसान मोर्चा का राष्ट्रीय नेतृत्व यूपी के 9 शहरों में प्रेस वार्ता करेगा#FarmersProtest @ANI @PTI_News @sakshijoshii @TOIIndiaNews @Reuters @the_hindu @Jansatta pic.twitter.com/gQV6xvE2KD
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) February 3, 2022
गौरतलब है कि केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाला था। सरकार द्वारा किसानों की मांग को मानने और छह अन्य पर विचार के लिए सहमति जताने के बाद विरोध प्रदर्शन को पिछले साल नौ दिसंबर को स्थगित करने का फैसला किया गया।