बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर भारी गहमा-गहमी है मगर किंग मेकर के रूप में ख्यात राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के जेल बंगला में सन्नाटा है। मुलाकात के लिए निर्धारित दिन को भी कोई नहीं आ रहा। पशुपालन घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के बंदी हैं। मगर इलाज के नाम पर पिछले दो साल से अधिक से रिम्स ( राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) रांची में भर्ती हैं।
पिछले दो माह से अधिक से कोराना संक्रमण को देखते हुए उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड से रिम्स निदेशक के तीन एकड़ वाले बंगले में शिफ्ट कर दिया गया है। राजद की ओर से चुनावी तालमेल को हरी झंडी देने या उम्मीदवारों को सिंबल देने का टास्क अंतिम रूप से लालू प्रसाद के ही जिम्मे रहता है। चुनावी मौसम में लालू के जेल बंगला के पास नियम को दरकिनार कर टिकटार्थियों की भीड़ लगी रहती थी। इसे लेकर उनका बंगला और भीड़ की खबरें अखबारों में छायी रहती थीं।
टिकट का दौर खत्म हुआ तो उन्हें कोई पूछने वाला भी नहीं। जहां पहले अनदिना मिलने वालों की भीड़ रहती थी अब शनिवार को भी कोई नहीं दिख रहा। शनिवार उनसे मुलाकात का दिन होता है। नियमानुसार तीन लोग उनसे मुलाकात कर सकते हैं। मगर आज उनसे मिलने कोई नहीं आया, पिछले शनिवार को भी यही स्थिति थी।