इस कार्रवाई को पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज के साथ दिल्ली में रविवार को उनकी प्रस्तावित बैठक से जोड़कर देखा जा रहा था। पुलिस ने आज सुबह हुर्रियत कान्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक, मौलाना मोहम्मद अब्बास अंसारी, मोहम्मद अशरफ सेहराई, शब्बीर अहमद शाह और अयाज अकबर सहित कई अलगाववादी नेताओं की गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी गई थी। पहले से ही नजरबंद हुर्रियत कान्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के हैदरपुरा स्थित घर के बाहर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए। जेकेएलएफ के अध्यक्ष यासीन मलिक को मैसुमा स्थित उनके आवास से एहतियातन हिरासत में ले लिया गया था और कोठीबाग थाने में बंद कर दिया गया था।
अलगाावादी नेताओं को हिरासत में लेने के कारणों पर अधिकारी खामोश हैं, लेकिन अटकलें थीं कि यह पाकिस्तान को यह संदेश देने के लिए हो सकता है कि अलगाववादी नेताओं से बातचीत ठीक नहीं है, खासकर एेसे समय जब दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच बैठक होनी है। लेकिन अधिकारियों ने यू-टर्न लेते हुए अलगाववादी नेताओं पर लगाई पाबंदियां कोई कारण बताए बिना हटा लीं। एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, आज सुबह हिरासत में लिए गए या नजरबंद किए गए सभी अलगाववादी नेताओं को रिहा कर दिया गया है। हालांकि, हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के प्रवक्ता अकबर ने कहा कि अन्य नेताओं को रिहा कर दिया गया है, लेकिन गिलानी अब भी नजरबंद हैं।
दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने गिलानी को 24 अगस्त को सरताज अजीज से मुलाकात करने के लिए आमंत्रित किया है। अजीज भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलने दिल्ली आ रहे हैं। उदारवादी अलगाववादी नेताओं को नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने भारत आ रहे पाकिस्तानी अधिकारी के लिए आयोजित भोज में 23 अगस्त को आमंत्रित किया है। गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल पाकिस्तानी राजनयिक द्वारा इस्लामाबाद में बैठक से पहले चर्चा के लिए अलगाववादी नेताओं को आमंत्रित किए जाने की वजह से विदेश सचिव स्तर की वार्ता स्थगित कर दी थी।
उमर अब्दुल्ला ने की तीखी आलोचना
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की आलोचना करते हुए नेशनल कांफे्रंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य सरकारों ने इससे पहले कभी भी हुर्रियत के नेताओं को दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग जाने से रोकने के लिए हिरासत में नहीं लिया। उन्होंने दावा किया कि भारत-पाक वार्ताएं अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच हो रही है और दोनों देश उम्मीद कर रहे हैं कि सामने वाला देश पीछे हट जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, मैंने भारत-पाक की एेसी वार्ता कभी नहीं देखी, जहां दोनों ही पक्ष इसे विफल करने के लिए इतने आतुर हैं। भारत और पाक वार्ताओं को रद्द करने के लिए एक दूसरे से स्पर्धा कर रहे हैं। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पहले उफा और अब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकारों की ये नियोजित वार्ताएं अंतरराष्ट्रीय दबाव में की जा रही हैं।