पिछले सात साल में शाहरूख को अमेरिका के किसी हवाईअड्डे पर तीसरी बार रोके जाने के बारे में शिवसेना ने कहा कि ऐसा बार-बार होने के बावजूद यह सहिष्णु अभिनेता बार-बार अमेरिका जाते हैं। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में कहा, अमेरिका के अधिकतर बड़े हवाईअड्डों पर शाहरूख के साथ ऐसा होना आम बात है। फिर भी यह सहिष्णु अभिनेता बार-बार अमेरिका जाते हैं, सिर्फ अपमान करवाने के लिए। शिवसेना ने कहा, उन्हें स्वाभिमानी रुख दिखाते हुए लौट आना चाहिए था और अमेरिका को बताना चाहिए था कि यदि तुम इस तरह से मेरा अपमान करने वाले हो तो मैं तुम्हारे देश में कदम नहीं रखूंगा। उन्होंने ऐसा किया होता तो यह अमेरिका के मुंह पर तमाचा होता। अमेरिका हर मुस्लिम को एक आतंकवादी के तौर पर देखता है।
अपने मुखपत्र में कश्मीर का जिक्र करते हुए पार्टी ने यह भी कहा कि बॉलीवुड के खान अभिनेताओं को चाहिए कि वे उन्मादित होकर सड़कों पर उतरे कश्मीरी युवाओं को सही दिशा दिखाएं। शिवसेना ने कहा, बॉलीवुड के खानों को कश्मीर में गुमराह होकर उपद्रव मचा रहे युवाओं को ट्विटर के जरिए सही दिशा दिखानी चाहिए। सामान में छपे संपादकीय में बीते नवंबर की उस घटना का भी हवाला दिया गया, जिसमें आमिर खान ने कहा था कि उनकी पत्नी किरण राव असुरक्षा के माहौल में अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर डरी हुई हैं और वह इस बात पर विचार कर रही हैं कि क्या उन्हें भारत से बाहर चले जाना चाहिए। यह उस समय की बात है, जब भारत में बढ़ती असहिष्णुता पर भारी बहस छिड़ी हुई थी। उस दौरान असहिष्णुता के विरोध में कई कलाकारों और लेखकों ने सरकारी पुरस्कार लौटा दिए थे।
शाहरूख को शुक्रवार को लॉस एंजिलिस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर कुछ समय के लिए रोक लिया गया था। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा जाहिर की थी। अप्रैल 2012 में शाहरूख को न्यूयार्क के पास व्हाइट प्लेन्स हवाईअड्डे पर दो घंटे से ज्यादा समय के लिए रोक लिया गया था। वर्ष 2009 में भी उन्हें न्यू जर्सी के नेवार्क हवाईअड्डे पर लगभग दो घंटे के लिए रोक लिया गया था। हालांकि भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने शाहरूख को रोके जाने पर उनसे माफी मांगी है और कहा है कि अमेरिका यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि ऐसा दोबारा न हो।