यादव साल 2006 में पहली बार पार्टी के अध्यक्ष बने थे उसके बाद 2009 और 2013 में अध्यक्ष बने। अब राष्ट्रीय स्तर पर नीतीश का नेतृत्व होगा। जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ता केसी त्यागी के मुताबिक शरद यादव अब नहीं चाहते थे कि पार्टी संविधान में संशोधन हो। आशय साफ है कि अब इस पद पर वह बने रहना नहीं चाहते। पार्टी सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना जाना तय है। क्योंकि बिहार के बाहर पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए पार्टी नेताओं की राय है कि नीतीश को ही अध्यक्ष बनाया जाए। नीतीश कुमार की छवि विकास पुरुष के रूप में बनी हुई और अब वह राष्ट्रीय राजनीति में भागीदारी करना चाहते हैं।
जनता दल यूनाइटेड उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी उम्मीदवार खड़ा करने की तैयारी में है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रीय दलों से गठबंधन को लेकर चर्चा भी चल रही है। ऐसे में पार्टी नीतीश की छवि को राष्ट्रीय स्तर पर भुनाना चाहती है। शरद यादव की आगे की भूमिका क्या होगी इस बारे में अभी तय नहीं है। आउटलुक से बातचीत में शरद यादव कहते हैं कि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं उन्हें भी आगे की भूमिका निभानी चाहिए। अपनी भूमिका के बारे में यादव कहते हैं कि पार्टी जो भी दायित्व सौंपेगी उसे निभाया जाएगा।