अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर माहौल फिर गरमाया हुआ है। विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस और शिवसेना के अयोध्या में जमावड़े और केंद्र सरकार पर अध्यादेश लाकर राम मंदिर निर्माण के लिए दबाव के बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे दो दिवसीय दौरे के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पहले साधु-संतों से मुलाकात की और अपने परिवार के साथ लक्ष्मण किला का दौरा किया। इस बीच शिवसैनिकों और साधु संतों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, 'मुझे राम मंदिर निर्माण का श्रेय नहीं चाहिए। मुझे राम मंदिर निर्माण की तारीख चाहिए। हम सब मिलकर राम मंदिर का निर्माण करेंगे। सब साथ आएंगे, तो राम मंदिर जल्द बनेगा।'
शिवसेना का बदला गया शेड्यूल
इसके पहले दो स्पेशल ट्रेनों से शिवसैनिक अयोध्या पहुंचे। जहां, शनिवार सुबह उन्होंने हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन किए। शिवसैनिक पहले मंदिर फिर सरकार, शिवसेना की यही पुकार का नारा लगा रहे थे।
शिवसैनिकों की बढ़ती चहल-पहल को देखते हुए प्रशासन ने राम जन्मभूमि मार्ग पर प्रवेश रोकने के साथ हनुमान गढ़ी का रास्ता भी बंद कर दिया। अयोध्या रेलवे स्टेशन के अधीक्षक महेंद्र नाथ मिश्रा ने कहा कि पार्टी के निवेदन पर शेड्यूल बदला गया है। आज सुबह आने वाली स्पेशल ट्रेन आज रात 11 बजे नासिक के लिए होगी रवाना। दूसरी ट्रेन अपने निश्चित शेड्यूल पर कल 25 नवंबर को शाम छह बजे मुंबई के लिए होगी रवाना।
छावनी में बदली अयोध्या
यहां 25 नवंबर को आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जुटेंगे और राममंदिर के लिए मार्च करेंगे। हिंदू संगठनों के द्वारा इसे 'हुंकार सभा' नाम दिया गया है। इसके चलते अयोध्या में खासी संख्या में सुरक्षा बल की तैनाती की गई है और इसे छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
बढ़ते तनाव को देखते हुए अयोध्या में शहर की सुरक्षा की जिम्मेदारी एडीजीपी स्तर के पुलिस अधिकारी को सौंपी गई है। इसके अलावा एक डीआईजी, तीन एसएसपी, 10 एएसपी, 21डीएसपी, 160 इंस्पेक्टर, 700 कॉन्सटेबल, 42 पीएसी कंपनियां, पांच आरएएफ कंपनियां, एटीएस कमांडो की तैनाती की गई है तथा हालात पर ड्रोन कैमरों से भी नजर रखी जाएगी।
रैली पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार
आरएसएस, वीएचपी की हुंकार सभा अयोध्या के अलावा बेंगलुरू में भी आयोजित की गई है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने गुरुवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की हुंकार रैली पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। आरएसएस 25 नवंबर को इस रैली का आयोजन कर रहा है। इसमें अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने के लिए समर्थन इकट्ठा किया जाएगा।
लोगों के सब्र का बांध टूट चुका है: रामदेव
इस बीच योग गुरु बाबा रामदेव ने अपना रुख जाहिर किया है। बाबा रामदेव ने कहा कि लोगों के सब्र का बांध टूट चुका है, इसलिए सरकार को कानून लाकर राम मंदिर का निर्माण करना चाहिए। रामदेव ने कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो लोग अपने दम पर मंदिर बनाने लगेंगे और माहौल खराब होगा।
बाबा रामदेव ने यहां मीडिया से बात करते हुए कहा, 'लोग धैर्य खो चुके हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए कानून लाया जाए वरना लोग अपने दम पर ही इसे बनाने में लग जाएंगे। अगर ऐसा होता है तो सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है। मुझे विश्वास है कि इस समय देश में राम का कोई विरोधी नहीं हैं, सभी हिंदू, मुस्लिम और ईसाई उनके ही वंशज हैं।'
1990 जैसे हालात बनने के आसार
ऐसा माना जा रहा है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए इतनी बड़ी संख्या में मार्च 1990 के आंदोलन जैसा रूप लेगा, ताकि मंदिर निर्माण की दिशा में कदम उठाया जा सके और सरकार पर दबाव बनाया जा सके। मंदिर निर्माण आंदोलन को मंगलवार को तब बल मिला जब बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कोर्ट में कहा कि सरकार अगर राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाती है तो उन्हें कोई एतराज नहीं है। हालांकि बाद में अपने बयान पर यू टर्न लेते हुए उन्होंने कहा कि वह मामले में कोर्ट के फैसले को ही मानेंगे।
29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक के लिए टाल दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2010 के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
#WATCH: Shiv Sena chief Uddhav Thackeray along with his son Aditya Thackeray offers prayer at Sarayu River in Ayodhya. Shiv Sena will hold an event in the city tomorrow over the matter of #RamTemple. pic.twitter.com/oJdSnVVwck
— ANI UP (@ANINewsUP) November 24, 2018