शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा गया है, ओलावृष्टि और बेमौसम बरसात के कारण किसान त्रास्त हैं। हम उनको हुए नुकसान का आकलन कितनी बार करेंगे और कितनी बार हम सरकार से मदद मांगेंगे?
पार्टी ने कहा, यह कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री की ओर से शुरू की गई मुद्रा से किसानों को मदद मिलेगी। लेकिन इस योजना के तहत किसानों को मदद कब मिलनी शुरू होगी?
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले सप्ताह मुद्रा योजना पेश की थी जो एमएफआई ऋण का पुन:वित्तपोषण करेगी जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में गहरी पैठ के साथ-साथ किसानों की मदद हो सकेगी।
राज्य में किसानों की स्थिति का उल्लेख करते हुए शिवसेना ने पूछा कि सरकार किस तरह से उनकी पीड़ा को समाप्त करने की योजना बना रही है। शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है, बदलती जलवायु परिस्थितियों के कारण महाराष्ट्र तहस-नहस हो रहा है और इससे किसान बर्बाद हो गए हैं।
सरकार उन किसानों के लिए क्या करना चाहती है जो बर्बाद हो गए है? जब किसानों को खाने के लिए दो वक्त की रोटी नसीब नहीं होती है तब ऐसी कठिनाई में उनके पास आत्महत्या करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं होता है।
पार्टी ने कहा कि भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार से मराठवाडा में भारी बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है और इस चेतावनी को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि मुद्रा योजना पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार बिना वित्तपोषण वाले छोटे उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।