पार्टी के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा गया कि नोटबंदी के मामले में सरकार देशभक्ति का रोज नया सबूत दे रही है। लेकिन यह सीमा पर पाकिस्तान की गतिविधियों पर बातचीत को तैयार नहीं है। सरकार भारतीय जवानों के मारे जाने और सिर काटे जाने का बदला लेकर अपनी देशभक्ति कब दिखाएगी?
संपादकीय में कहा गया है कि लक्षित हमलों के बाद पाकिस्तान की गतिविधियां बढ़ी ही हैं और सैनिकों की मौत का आंकड़ा दो गुना हो गया है। पार्टी ने कहा कि रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के कठोर शब्दों के बावजूद सीमा पर तीन सैनिक शहीद हो गए। राजग गठबंधन की घटक शिवसेना ने कहा कि जब सरकार ने लक्षित हमले का फायदा लिया तो उसे अब विफलता को भी स्वीकार करना चाहिए।
इसने कहा कि जब प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने एक फैसले (नोटबंदी) पर हर किसी को सड़कों पर ला खड़ा किया है तो उन्हें पाकिस्तान को कुचलने के लिए एक शाम ऐसा ही फैसला लेने की जरूरत है। गौरतलब है कि मंगलवार को संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा नियंत्राण रेखा के पार से किए गए हमले में तीन भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इनमें से एक के शव को क्षत-विक्षत कर दिया गया था। इसके बाद भारतीय सेना ने उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भीषण जवाबी कार्रवाई की। (एजेंसी)