उन्होंने कहा, मुलायम सिंह जी ने सही काम किया। उन्होंने अपने फैसले से संदेश दिया कि जब तक वह जिंदा हैं, समाजवादी पार्टी या उनके परिवार को टूटने नहीं देंगे। जो लोग सपा परिवार को तोड़ना चाहते थे उनकी साजिश नाकाम हो गई।
सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि वह सपा को तोड़ना नहीं चाहते। मुख्यमंत्री अखिलेश और सपा महासचिव रामगोपाल को बधाई देते हुए उन्होंने कहा, जिन्हें यह गलतफहमी है कि मैं सपा को तोड़ने का प्रयास करूंगा, मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मैं यहां सपा तोड़ने के लिए नहीं हूं बल्कि मैं इसे एकजुट रखना चाहता हूं।
उन्होने कहा, अगर कोई अब भी मेरी वजह से दुखी है तो मैं कहना चाहता हूं कि मैं सपा परिवार और कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने के लिए अपना बलिदान देने को तैयार हूं। सिंह ने कहा, हमें सांप्रदायिक ताकतों से लड़ना है और सुनिश्चित करना है कि धर्मनिरपेक्ष मोर्चा आगामी चुनावों में जीते।
इससे पहले सिंह ने कहा था, सपा की नींव मुलायम सिंह ने बहुत निष्ठा और कड़ी मेहनत से डाली थी। मैंने यह पहले भी कहा है और अब भी कहूंगा कि मुलायम सिंह सपा के अध्यक्ष हैं, साथ ही अखिलेश के पिता भी हैं। भाषा एजेंसी