लंबी जद्दोजहद के बाद विधायक सुखपाल सिंह खैहरा ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी अपने सिद्धांतों और विचारधारा से भटक चुकी है। आम आदमी पार्टी के आधा दर्जन विधायकों ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था। यही नहीं सुखपाल खैहरा ने तीसरा मोर्चा खड़ा करने के लिए इंसाफ मार्च भी किया था। उनके इस्तीफे से पहले आप विधायक एचएस फूलका ने भी अपना इस्तीफा पार्टी को सौंप दिया था। उन्होंने अपने विधायक पद से भी इस्तीफा दे दिया है, जो अभी मंजूर नहीं हुआ है।
अभी स्पष्ट नहीं है कि खैहरा का साथ दे रहे कंवर संधू सहित सात विधायकों का क्या रुख होगा। खैहरा ने अपना इस्तीफा पार्टी नेतृत्व को भेज दिया। दो दिन पहले एचएस फूलका ने आप को इस्तीफा दे दिया था। फूलका ने आप के राष्ट्रीय समन्वयक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को वीरवार का पार्टी से अपना इस्तीफा सौंपा था।
पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में 'आप' से निलंबित थे खैहरा
खैहरा और फूलका के इस्तीफे के बाद पंजाब विधान सभा में आप विधायकों की संख्या 18 रह गई है। खैहरा ने पार्टी के अध्यक्ष व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख कर कहा कि पार्टी ने उन्हें अपमानित किया। यही नहीं खैहरा ने अपने पत्र में यह भी कहा कि अन्ना हजारे मूवमेंट से निकली आप अपने उद्देश्यों से भटक चुकी है। जिस उद्देश्य को लेकर वह आप से जुड़े। बता दें कि खैहरा पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से बाहर चल रहे थे।
खैहरा ने केजरीवाल को लिखे पत्र में क्या कहा
पंजाब विधान सभा चुनाव में आप 100 सीटें जीतने का दावा कर रही थी लेकिन मात्र 20 सीटों पर ही सिमट गई। खैहरा सहित अन्य बागी नेताओं का कहना था कि पंजाब आप की कमान बाहरी व्यक्तियों को सौंपी गई, इसी कारण आप की हार हुई। इतनी बड़ी हार के बावजूद किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया। इतिहास गवाह है कि पंजाब ने कभी भी किसी बाहरी व्यक्ति को स्वीकार नहीं किया। खैहरा ने केजरीवाल को लिखा है कि पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने के बाद भी उनका दोहरा चरित्र सामने आया।
अपनी राजनीतिक पार्टी बनाना चाहते हैं खैहरा
सुखपाल खैहरा आम आदमी पार्टी से अलग होकर अलग राजनीतिक पार्टी बनाना चाहते हैं। आम आदमी पार्टी में रहते हुए खैहरा अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन नहीं कर सकते थे। क्योंकि अगर वह ऐसा करते तो विधान सभा से उनकी सदस्यता पर खतरा उत्पन्न हो सकता था। खैहरा पहले ही कह चुके है कि माघी मेले के दौरान वह अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन करेंगे। इसलिए उन्होंने उससे पहले आप की सदस्या से इस्तीफा दे दिया।