महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख अजित पवार ने कहा कि पार्टी के विभाजन के बाद उनके चाचा शरद पवार से अलग होकर राकांपा की कमान संभालना एक बड़ी जिम्मेदारी है।
पवार ने अपनी जन सम्मान यात्रा के दौरान ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में बृहस्पतिवार को कहा कि विधानसभा चुनावों के लिए सत्तारूढ़ महायुति के सहयोगियों- राकांपा, शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत सकारात्मक रूप से आगे बढ़ रही है।
पिछले साल जुलाई में अजित पवार और उनके वफादार विधायक राकांपा से अलग होकर सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हो गए थे। बाद में उन्हें पार्टी का नाम और इसका चुनाव चिह्न घड़ी मिल गया। पार्टी के संस्थापक एवं अब राकांपा-शरदचंद्र पवार (एसपी) के प्रमुख शरद पवार विपक्षी गुट महा विकास आघाडी (एमवीए) का हिस्सा हैं, जिसमें शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) और कांग्रेस भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह मुझे मिली अब तक की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। अब तक, पवार साहब (शरद) हमारे नेता और प्रमुख थे। जब मैं 1991 में राजनीति में आया था, तब तक राकांपा नहीं थी।’’
उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब मैं कांग्रेस में था, तो उसमें कई नेता थे। इसलिए, इसका (अतिरिक्त जिम्मेदारी) कोई सवाल ही नहीं उठता था। जब 1999 में राकांपा बनी… मुझे 2004 के बाद ही जिम्मेदारियां दी गईं। अब अंतिम जिम्मेदारी मेरे पास है क्योंकि मैं राकांपा प्रमुख हूं।’’
राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे के बारे में पवार ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस से दो-तीन बार बात की थी और बातचीत सकारात्मक रही। उन्होंने कहा कि हर कोई अधिक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ना चाहता है और इसका समाधान निकाला जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हालांकि, हमें अपने अन्य गठबंधन सहयोगियों के साथ भी बातचीत करने की जरूरत है…कुछ दिन इंतजार करते हैं।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या नवंबर में चुनाव हो सकते हैं, उन्होंने कहा कि इस बारे में चर्चा है, लेकिन यह कार्यक्रम तय करना निर्वाचन आयोग का विशेषाधिकार है और ‘‘यह हमारे हाथ में नहीं है।’’ अजित पवार ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मराठा समुदाय की मांग पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने की वकालत की और कहा कि विपक्षी दलों की उपेक्षा नहीं की जा सकती, क्योंकि वे भी लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण चाहते हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरक्षण मुद्दे पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन विपक्ष इससे दूर रहा। मुझे नहीं पता कि यह बहिष्कार जानबूझकर किया गया था या नहीं। उनसे (विपक्ष से) फिर से समय लेने का फैसला किया गया है।’’
मुख्यमंत्री लाडकी बहिन योजना की सराहना करते हुए पवार ने कहा कि इस योजना की शुरुआत 17 अगस्त को बालेवाड़ी में एक कार्यक्रम में की जाएगी, जिसमें लाभार्थियों को जुलाई और अगस्त महीने के लिए पैसे दिए जाएंगे। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस भी शामिल होंगे।
इस योजना के तहत अगर किसी महिला की वार्षिक पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है तो उसे 1,500 रुपये मासिक सहायता दी जाएगी। पवार ने कहा कि उनकी जन सम्मान यात्रा को महिलाओं की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।