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मेजॉरिटी बनाम मॉरेलिटी की लड़ाई था अविश्वास प्रस्तावः चंद्रबाबू नायडू

लोकसभा में  तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के गिरने के बाद...
मेजॉरिटी बनाम मॉरेलिटी की लड़ाई था अविश्वास प्रस्तावः चंद्रबाबू नायडू

लोकसभा में  तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) की ओर से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के गिरने के बाद आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सत्ता का अहंकार दिखाते हुए आंध्रप्रदेश के पांच करोड़ लोगों के साथ न्याय नहीं किया।

मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि 15 साल बाद पहली बार अविश्वास प्रस्ताव विपक्षी दलों की ओर से लाया गया था। हम जानते थे कि सत्ता पक्ष के पास मेजॉरिटी है लेकिन यह प्रस्ताव मेजॉरिटी बनाम मॉरेलिटी की लड़ाई था।

नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आंध्रप्रदेश के साथ किये गए वादे के साथ इंसाफ नहीं किया। राज्य को 2014 में विभाजन के बाद बहुत नुकसान का सामना करना पड़ा है। आंध्र को लोगों को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार को  पछतावा होगा और भूल सुधार करेंगे लेकिन पीएम मोदी सत्ता के नशे में अहंकारी हो गए हैं। सदन में वह इस तरह बोले कि हमारे राज्य का उपहास उड़ाया गया। पूरे आंध्रप्रदेश की जनता को इससे निराशा मिली है। पीएम के पास बहुमत है लेकिन उन्होंने 'नीति' को तोड़ा है। उनके भाषण से काफी दुख पहुंचा है।

मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के तमाम प्रयासों के बाद अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। चार सालों में 29 बार दिल्ली गया। आंध्र को न्याय दिलाने के बजाय मुझ पर उल्टे राजनैतिक पलटवार करते हुए यू टर्न लेने का आरोप लगाया। पहली दफा एेसा हुआ कि क्षेत्रीय पार्टी की ओर से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष के सभी दलों ने समर्थन दिया।

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