राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के उच्च स्तर को देखते हुए सम-विषम योजना को एक जनवरी से 15 जनवरी तक प्रायोगिक आधार पर लागू किया गया था। इस योजना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू होगा। केजरीवाल ने कहा कि जनवरी में सम-विषम योजना के परीक्षण के दौरान प्रदूषण के स्तर में हुई गिरावट के मुद्दे पर बहस चल रही है और इससे जुड़े आकलनों में भिन्नता है। उन्होंने कहा, फार्च्यून पत्रिका कहती है कि यह (प्रदूषण) 13 प्रतिशत गिरा, अन्य कहते हैं कि गिरावट 55 प्रतिशत की रही।
सम-विषम योजना के प्रथम चरण के दौरान इसके कारण प्रदूषण बढ़ने से जुड़ी खबरों का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क पर वाहनों की संख्या कम होने पर प्रदूषण बढ़ कैसे सकता है? केजरीवाल ने कहा, मैं एक बच्चे का साक्षात्कार देख रहा था, जिसने यह पूछा था कि दिल्ली की सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो जाने पर प्रदूषण बढ़ कैसे सकता है? उन्होंने दावा किया कि सम-विषम के 15 दिन के परीक्षण के दौरान पेट्रोल और डीजल की बिक्री में 40 फीसदी की गिरावट आई थी। उन्होंने कहा कि अगर ईंधन की खपत कम हुई, तो प्रदूषण का स्तर कम होना स्वाभाविक ही है।
उन्होंने कहा, हम सम-विषम की योजना को हर माह में 15 दिन लागू करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि हमने इसपर फैसला नहीं लिया है। ऐसा करने से प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी और यातायात जाम से बड़ी राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री ने स्कूली छात्राओं को शहर के वायु प्रदूषण से लड़ने की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और परिवहन मंत्री गोपाल राय भी मौजूद थे।