तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल हुईं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर सवाल उठाया है। उन्होंने अन्य विपक्षी दलों से अपील की कि वे फिर से बैलट पेपर के जरिए वोटिंग के लिए आवाज बुलंद करें। ईवीएम के खिलाफ आंदोलन का ऐलान करते हुए ममता ने कहा कि ईवीएम से जुड़े विवरणों की जांच के लिए फैक्ट-फाइंडिंग कमिटी का गठन होना चाहिए।
ममता ने की समीक्षा बैठक
पार्टी विधायकों और राज्य के मंत्रियों के साथ चुनाव परिणाम की समीक्षा के लिए सोमवार को बैठक करने के बाद ममता बनर्जी ने पत्रकारों से कहा, 'हमें लोकतंत्र को बचाना है। हम मशीन नहीं चाहते, हम बैलट पेपर सिस्टम की वापसी चाहते हैं। हम इसके लिए आंदोलन खड़ा करेंगे और इसकी शुरुआत बंगाल से होगी।'
‘अमेरिका ने भी लगाया ईवीएम पर बैन’
टीएमसी प्रमुख ने कहा, 'मैंने विपक्ष की सभी 23 पार्टियों से एक साथ आने और बैलेट पेपर की वापसी की मांग करने को कहा है। यहां तक कि अमेरिका जैसे देशों ने भी ईवीएम को बैन कर दिया है।' ममता ने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए पैसे, ताकत, संस्थाओं, मीडिया और सरकार के इस्तेमाल का आरोप लगाया।
लेफ्ट फ्रंट पर साधा निशाना
ममता बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सूबे की 42 सीटों में से 18 पर बीजेपी की जीत के लिए लेफ्ट फ्रंट जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, 'बीजेपी सिर्फ 18 सीट जीत पाई, जबकि वह 23 का दावा कर रही थी और वह भी लेफ्ट फ्रंट पार्टियों की वजह से जीत पाई। लेकिन हम अपने वोट शेयर को 4 प्रतिशत बढ़ाने में कामयाब हुए।'
पश्चिम बंगाल में भाजपा का बेहतर प्रदर्शन
बीजेपी ने इस बार लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। उसका वोट शेयर भी उल्लेखनीय ढंग से बढ़ा है। भाजपा ने 40.3 प्रतिशत वोटशेयर के साथ सूबे की 42 में से 18 सीटों पर जीत हासिल की। टीएमसी का वोट शेयर 43.3 प्रतिशत रहा और उसने 22 सीटों पर जीत हासिल की। 2 सीटें कांग्रेस के खाते में आईं। पश्चिम बंगाल में लेफ्ट का खाता तक नहीं खुला।