पंचायत चुनाव में सपा सरकार के मंत्रियों, विधायकों के रिश्तेदारों को मिली हार ने एक बात साबित कर दी कि लोगों को सपा से मोंह भंग हो रहा है। समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाने वाले एटा, इटावा, मैनपुरी, कन्नौज आदि जगहों से पार्टी समर्थक बड़ी संख्या में हारे हैं। अमेठी में जहां कांग्रेस समर्थकों को हार मिली है वहीं भाजपा भी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई है। पंचायत चुनाव में बसपा समर्थकों की जीत से पार्टी कार्यकर्ताओं में लहर देखी जा रही है।
एजेंसी की खबरों के मुताबिक अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री मनोज पांडे के भाई रायबरेली से चुनाव हार गए हैं। मैनपुर में बूथ कैप्चरिंग करने वाले तोताराम यादव भी चुनाव नहीं जीत सके। उत्तर प्रदेश के जेलमंत्री राजपाल रघुवंशी ने पंचायत चुनाव में अपनी दोनों बेटियों को सीतापुर से खड़ा किया था लेकिन इन दोनों को करारी हार का सामना करना पड़ा। इसी तरह सिंचाई मंत्री सुरेश पटेल की भाभी भी वाराणसी से पंचायत चुनाव जीतने में नाकाम रही हैं। एक अन्य मंत्री शिवप्रताप यादव ने अपनी पत्नी और बहू को पंचायत चुनाव के मैदान में उतारा था लेकिन वे दोनों भी चुनाव नहीं जीत सकीं। मंत्री अवधेश प्रसाद की पत्नी और बेटा चुनाव हार गए हैं। मुलायम के समधी और सिरसागंज के विधायक हरिओम यादव की पत्नी चुनाव हार गई हैं। मैनपुरी के सांसद तेजप्रताप यादव के मामा भी चुनाव हार गए हैं।