पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व कुश्ती की सर्वोच्च संचालन संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) की ओर से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को निलंबित किए जाने पर हैरानी जताई और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने देश के पहलवानों को हतोत्साहित किया है।
डब्ल्यूएफआई ने चुनाव समय पर नहीं कराने के लिए डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया है। इस घटनाक्रम के बाद भारतीय पहलवान आगामी विश्व चैंपियनशिप में भारतीय ध्वज तले प्रतिस्पर्धा में हिस्सा नहीं ले पाएंगे।
बनर्जी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “यह जानकर हैरानी हुई कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भारत के कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है।” उन्होंने इसे पूरे देश के लिए “बेहद शर्मनाक” करार देते हुए लिखा, “केंद्र सरकार ने अपने अहंकारी रवैये और हमारी पहलवान बहनों की दुर्दशा के प्रति लापरवाही बरतकर हमारे पहलवानों को निराश किया है। केंद्र और भाजपा हमारी अदम्य बहनों को स्त्री द्वेष और असभ्य पुरुषवाद से परेशान किए जा रही है।”
बनर्जी ने यह भी कहा कि भारत को उन लोगों को दंडित करना चाहिए जिनमें कोई नैतिक संवेदना नहीं बची है और जो देश की लड़ने वाली बेटियों की गरिमा के लिए खड़े नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, “हिसाब-किताब का दिन अब ज्यादा दूर नहीं है।”
डब्ल्यूएफआई को मूल रूप से सात मई को चुनाव कराने थे लेकिन खेल मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया था।