Advertisement

महिला पत्रकार से दुर्व्यवहार, शिवसेना ने की माफी की मांग

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में मीडिया के लिए आरक्षित आगे की कतार से एक महिला पत्रकार को हटने को कहा गया जिसपर विवाद उत्पन्न हो गया और शिवसेना ने कार्यक्रम के आयोजकों से माफी मांगने को कहा है।
महिला पत्रकार से दुर्व्यवहार, शिवसेना ने की माफी की मांग

एक मराठी समाचार चैनल की रिपोर्टर रश्मि पुराणिक कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने वाले लोगों में शामिल थीं। वह वहां पत्रकारों के लिए आरक्षित आगे की कतार में बैठ गईं। यह कार्यक्रम महाराष्ट्र में गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने पर फडणवीस को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था। बहरहाल, रश्मि को पत्रकारों के लिए आरक्षित आगे की कतार से हटने और महिलाओं के लिए आबंटित पीछे के इलाके में जाने के लिए कहा गया। रश्मि ने कहा कि उन्हें बताया गया कि साधू-संतों की मौजूदगी में महिलाएं आगे की कतार में नहीं बैठतीं। इस लिए उन्हें पीछे जाना होगा।

उन्होंने बताया, मैंने दलील दी कि यह कोई धार्मिक कार्यक्रम नहीं है और मैं मीडिया के लिए आरक्षित सीट पर बैठी हूं। बहरहाल, कार्यक्रम के आयोजक श्री सांताक्रुज जैन तपागछा संघ के बच्चूभाई शाह ने कहा कि जैन धर्म में जातियों के बीच या पुरूषों और महिलाओं के बीच कोई भेदभाव नहीं है। शाह ने कहा, हम भगवान महावीर की शिक्षाओं में यकीन करते हैं जहां सभी सजीव प्राणियों के साथ बराबरी का बर्ताव किया जाता है। महिलाओं के अपमान का कोई सवाल नहीं है। हमने महिलाओं के बैठने का प्रबंध किया था और हमारा आग्रह था कि महिलाएं उन सीटों पर बैठें।

शाह ने कहा कि आगे की कतार रास्ते के बीच में थी जिससे साधु संत मंच पर आते। सो, हमने महिला रिपोर्टर को दूसरी जगह जाने के लिए कहा। जब मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं के साथ भेद-भाव किसी स्वस्थ समाज के लिए अच्छी चीज नहीं है। फडणवीस ने कहा, हम इक्कीसवीं सदी में हैं। हमें प्रगतिशील समाज की दिशा में काम करना है और यह तभी हो सकता है जब महिलाओं और पुरूषों के साथ बराबरी का बर्ताव किया जाए।

इस बीच, शिवसेना नेता नीलम गोरहे ने इस तरह की घटनाओं को अस्वीकार्य करार देते हुए कार्यक्रम के आयोजकों से शुकिरवार को कहा कि वह माफी मांगें। नीलम ने कहा, मुख्यमंत्री फडणवीस ने मंच से आयोजकों को फटकार लगा कर उचित काम किया है और (अब) आयोजकों पर है कि वह माफी मांगें। शिवसेना नेता ने कहा कि धार्मिक संप्रदायों को अपनी व्यवस्थाओं के अंतरविरोधों को स्वीकार करना चाहिए और उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad