गौरतलब है कि हाल ही में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति से हटा दिया गया था। पार्टी सदस्यों का आरोप है कि इन दोनों ने दिल्ली चुनावों के दौरान पार्टी को हरवाने के लिए लगतार काम किया। इस प्रकार के ट्वीट करके यादव ने एक प्रकार से अरविंद केजरीवाल गुट की ओर सुलह का हाथ बढ़ाया है। देखना है कि केजरीवाल गुट सुलह के लिए रास्ता बनाता है या नहीं।
ट्वीट
पिछले कुछ दिनों से जो मंथन चल रहा है, उससे बहुत विष निकला है। मुझे भरोसा है अंतत अमृत भी निकलेगा। आप भी भरोसा रखें।
पार्टी में जितने भी गहरे मतभेद हों, इस आंदोलन में आस्था रखने वालों को कुछ ऐसा करना है ताकि आंदोलन की एकता बनी रहे और इसकी आत्मा भी बची रहे।
वे ताकतें सक्रिय तो नहीं हो गईं जो इस नई राजनीति की भ्रूणहत्या करने को आतुर थीं ? हमें अपना सब लगाकर इस आंदोलन को ऐसी साजिशों से बचाना होगा।
फेसबुक पेज से
मीडिया में कीचड़ की गंगा
पिछले दो दिनों में पार्टी पर जो हमले हुए हैं उससे मन बहुत क्षुब्ध है। हजारों कार्यकर्ताओं के संदेश आ रहे हैं, सब बहुत आहत हैं। मीडिया में तो मानो कीचड़ की गंगा बह निकली है। हर कोई इस बहती गंगा में अपने पाप धोने को आतुर है। एक घटना को लेकर इस पूरे आंदोलन को खारिज किया जा रहा है। अब तो साधारण सी बातचीत को भी स्टिंग की तरह पेश किया जा रहा है। बिना कुछ प्रमाण के बड़े-बड़े दावे हो रहे हैं। मीडिया यह सब मजे लेकर परोस रहा है।
शंका होती है कि इस आतुरता के पीछे कौन है? कहीं इस खेल में नयी राजनीति की भ्रूणहत्या करने को तैयार बड़ी ताकतें तो शामिल नहीं हो गई हैं? हमें अपना सब लगाकर इस आंदोलन को ऐसी साजिशों से बचाना होगा। पार्टी में जितने भी गहरे मतभेद हों, इस आंदोलन में आस्था रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस कीचक्रीड़ा का हिस्सा नहीं बन सकता। हम सबको कुछ ऐसा करना है ताकि आंदोलन की एकता बनी रहे और इसकी आत्मा भी बची रहे। पिछले कुछ दिनों से जो मंथन चल रहा है, उससे बहुत विष निकला है, मुझे भरोसा है अंततः अमृत भी निकलेगा।