तमिलनाडु में भाजपा को एक बड़ा झटका लगा है। एआईएडीएमके श्रमिक अधिकार पुनर्प्राप्ति समिति ने भाजपा से गठबंधन तोड़ने का एलान किया है। हालांकि, इसके पीछे की वजह नहीं बताई गई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और ओ. पन्नीरसेल्वम के समर्थक पंरुती रामचंद्रन ने यह एलान किया। माना जा रहा है कि गठबंधन तोड़ने के पीछे भाजपा द्वारा तमिलनाडु के पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम को कथित रूप से नजरअंदाज किया जाना हो सकता है। भाजपा पर पन्नीरसेल्वम को पीएम मोदी के दौरे के दौरान उनसे नहीं मिलने देने का आरोप है। गठबंधन तोड़ने का निर्णय पन्नीरसेल्वम, उनके सलाहकार पंरुती एस. रामचंद्रन और करीबी सहयोगियों के बीच लगभग तीन घंटे की गहन चर्चा के बाद लिया गया।
रामचंद्रन ने कहा, "हम एनडीए गठबंधन से नाता तोड़ रहे हैं। एआईएडीएमके श्रमिक अधिकार पुनर्प्राप्ति समिति के समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम जल्द ही पूरे तमिलनाडु में एक अभियान शुरू करेंगे। फिलहाल, किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं हुआ है। भविष्य में, परिस्थितियों के अनुसार, गठबंधन पर निर्णय लिया जाएगा। इसका कारण सब जानते हैं और स्पष्टीकरण की कोई आवश्यकता नहीं है।" रामचंद्रन के साथ पन्नीरसेल्वम भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया।
क्या वह अपने फैसले पर कायम रहेंगे? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इस घटनाक्रम ने एनडीए के मोर्चे में एक और दरार को उजागर कर दिया है। भाजपा इस बार तमिलनाडु के चुनाव में अपना दबदबा कायम करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। यह गठबंधन टूटने से भाजपा को आने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है। भाजपा की तरफ से इस मामले में अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।