उच्चतम न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर हमला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को सोमवार को जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने निर्देश दिया कि कुमार को केजरीवाल के निजी सहायक के रूप में बहाल नहीं किया जाएगा और न ही मुख्यमंत्री कार्यालय में कोई आधिकारिक कार्यभार दिया जाएगा। न्यायालय ने सभी गवाहों की जांच होने तक कुमार को मुख्यमंत्री आवास में प्रवेश करने से भी रोक दिया।
कुमार ने 13 मई को केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर मालीवाल पर कथित तौर पर हमला किया था। कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था।
उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि आरोपी "काफी प्रभावशाली" है और उन्हें राहत देने का कोई आधार नहीं बनता है। उसने कहा था कि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अगर याचिकाकर्ता को जमानत दी जाती है , तो गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है या सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।