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लेटरल एंट्री का जलवा! अब तक सरकारी विभागों में 63 ‘विशेषज्ञ’ नियुक्त किए गए

सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि साल 2019 से 2023 तक लेटरल एंट्री माध्यम के जरिए विभिन्न सरकारी विभागों में...
लेटरल एंट्री का जलवा! अब तक सरकारी विभागों में 63 ‘विशेषज्ञ’ नियुक्त किए गए

सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि साल 2019 से 2023 तक लेटरल एंट्री माध्यम के जरिए विभिन्न सरकारी विभागों में 63 विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई है।

केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इनमें से 35 को अनुबंध के आधार पर और शेष 28 को प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया गया।

सिंह ने कहा, ‘‘विशिष्ट क्षेत्र में उनके विशेष ज्ञान और विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए, विशिष्ट कार्यों के लिए व्यक्तियों को नियुक्त करने के लिए 2018 से संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के स्तर पर लेटरल भर्ती की गई है।"

उन्होंने बताया कि 2019 में आठ संयुक्त सचिवों की नियुक्ति की गई, जिनमें पांच संविदा के आधार पर और तीन अन्य सरकारी विभागों व संगठनों से प्रतिनियुक्ति के माध्यम से शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि 2021 में संयुक्त सचिव (3), निदेशक (18) और उप सचिव (9) के स्तर पर तीस भर्तियां की गईं। इनमें से 14 अनुबंध पर और 16 प्रतिनियुक्ति के माध्यम से थे।

मंत्री ने कहा कि साल 2023 में, 25 ऐसे विशेषज्ञों की नियुक्ति की गई, जिनमें तीन संयुक्त सचिव, 15 निदेशक और सात उप सचिव शामिल हैं। उन्होंने कहा कि उनमें से 16 अनुबंध के आधार पर और नौ प्रतिनियुक्ति के माध्यम से नियुक्त किए गए थे।

लेटरल एंट्री का मतलब निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की सीधी भर्ती से है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) लेटरल एंट्री के जरिये सीधे उन पदों पर उम्मीदवारों की नियुक्ति करता है जिन पदों पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की तैनाती होती है। इसमें निजी क्षेत्रों से अलग अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सीधे संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के पद पर नियुक्ति की जाती है।

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