कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राज्यसभा में उस पर किए गए तीखे प्रहार के बाद बुधवार को पलटवार करते हुए दावा किया कि मोदी इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाने जा रही है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने मल्लिकार्जुन खड़गे पर हमला करने का ‘फैशन’ बना लिया है तथा वह राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ से परेशान हैं।
राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को ‘आउटडेटेड’ और आरक्षण का ‘जन्मजात विरोधी’ बताया तथा उसके ‘पतन’ के लिए संवेदनाएं प्रकट करते हुए ‘प्रार्थना’ की कि वह अगले आम चुनाव में 40 सीट बचा ले।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर निकले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और उन्हें ‘कांग्रेस के युवराज’ के नाम से संबोधित करते हुए उन्हें ऐसा ‘नॉन स्टार्टर’ बताया जो न तो ‘लिफ्ट’ हो पा रहे हैं और ना ही ‘लांच’। वेणुगोपाल ने प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘प्रधानमंत्री ने मल्लिकार्जुन खरगे जी पर हमला करने का फैशन बना लिया है, जो एक कद्दावर नेता हैं, जो जमीन से उठकर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष के पद तक पहुंचे हैं। आज एक बार फिर प्रधानमंत्री ने हद पार कर दी।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि संसद में उनके दोनों भाषण भारत की जनता के साथ एक ‘क्रूर मजाक’ है। वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘अगर 10 साल सत्ता में रहने के बाद नरेन्द्र मोदी कांग्रेस पर केवल सस्ते, बचकाने और गुमराह करने वाले हमलों के बारे में सोच सकते हैं तो यह उनके विचारों और नैतिकता के दिवालियापन को दर्शाता है।’’ उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने दो बार यात्रा निकालकर प्रधानमंत्री को परेशान कर दिया है।
वेणुगोपाल के अनुसार, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदाय भाजपा-आरएसएस द्वारा किए गए अन्याय के खिलाफ खड़े हो रहे हैं और राहुल गांधी के सामाजिक न्याय के मिशन को अपना पूरा समर्थन दे रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘बेरोजगारी और महंगाई की दोहरी मार झेल रहा मतदाता प्रधानमंत्री से स्पष्ट समाधान की उम्मीद कर रहा था, लेकिन उनके पास देने के लिए कुछ नहीं था। इन भाषणों के बाद यह स्पष्ट होता जा रहा है कि मोदी और भाजपा के लिए एक और कार्यकाल का मतलब गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए निराशा तथा हताशा के और पांच साल होंगे।’’
कांग्रेस के संगठन महासचिव ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के भाषणों में अहंकार और नफरत से पता चलता है कि वास्तव में वह इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में उन्हें हराने और जनता उन्हें सबक सिखाने वाली है।’’