राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को दावा किया कि राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के खिलाफ कोई ‘सत्ता विरोधी’ लहर नहीं है। उन्होंने विश्वास जताया कि पार्टी राज्य में फिर से सरकार बनाएगी।
गहलोत ने जोधपुर में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभियान विकास के मुद्दों पर केंद्रित है, जबकि प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा उसके अन्य नेताओं ने अपने प्रचार में ‘भड़काऊ’ भाषा का इस्तेमाल किया।
भाजपा नेताओं के चुनावी भाषणों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जनता समझ चुकी है। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस सरकार फिर से सत्ता में आएगी।’’
भाजपा द्वारा ‘लाल डायरी’ और अन्य मुद्दों पर केवल अशोक गहलोत को ही निशाना बनाए जाने के सवाल पर, उन्होंने कहा कि भाजपा नेता इस बात से परेशान हैं कि वे खरीद-फरोख्त के तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य की चुनी हुई सरकार नहीं गिरा सके।
एक बर्खास्त मंत्री ने दावा किया था कि ‘‘लाल डायरी’’ में मुख्यमंत्री और कई नेताओं के अवैध वित्तीय लेनदेन दर्ज हैं। गहलोत ने कहा कि भाजपा नेताओं ने जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, ‘‘वे भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे। हमने उन्हें स्थानीय मुद्दों और हमारी योजनाओं पर बात करने की चुनौती दी।’’
उनसे पूछा गया कि अगर राज्य में कांग्रेस फिर से सरकार बनाती है तो क्या वह मुख्यमंत्री होंगे, उन्होंने कहा कि कांग्रेस में यह परंपरा है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी विधायकों की राय लेने के लिए पर्यवेक्षक भेजती है और फिर एक प्रस्ताव पारित किया जाता है, जिसमें सभी चीजें आलाकमान पर छोड़ दी जाती हैं। आलाकमान का निर्णय सभी को स्वीकार्य होता है।
राजस्थान में 16वीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान शनिवार सुबह सात बजे शुरू हुआ। राज्य में 199 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हो रहा है जहां 5.25 करोड़ से अधिक मतदाता 1862 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
राज्य में कुल 200 विधानसभा सीटें हैं लेकिन श्रीगंगानगर जिले के करणपुर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह के निधन के बाद यहां चुनाव स्थगित कर दिया गया है।