पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा और कहा कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखना चाहता है तो उसे यहां आतंकवादी घटनाएं रोकनी होंगी।
अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक पड़ोसी देश जम्मू-कश्मीर में हत्याएं बंद नहीं करता, तब तक नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच कोई बातचीत नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि भारत को क्या कार्रवाई करनी चाहिए, यह केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है। यह हमारे लिए एक समस्या है और हम वर्षों से इससे गुजर रहे हैं। मैं इसे 30 वर्षों से देख रहा हूं। मैंने उन्हें कई बार इसे रोकने के लिए कहा है, लेकिन उनकी सोच ऐसी ही है।"
अब्दुल्ला ने रविवार को गंदेरबल जिले में एक निर्माण स्थल पर हुए आतंकवादी हमले पर टिप्पणी करते हुए कहा, "बातचीत कैसे हो सकती है? आप हमारे निर्दोष लोगों को मारते हैं और फिर बातचीत के लिए कहते हैं। पहले हत्याएं रोकें।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमला एक दर्दनाक घटना है, क्योंकि इसके कारण गरीब लोग मारे गए जो यहां आजीविका कमाने आए थे।
अब्दुल्ला ने कहा, "यह बहुत ही दर्दनाक घटना है। गरीब मजदूर यहां आजीविका के लिए आते हैं ताकि वे अपने परिवारों का पेट भर सकें। इन दरिंदों ने उन्हें शहीद कर दिया। उनके साथ हमारा एक डॉक्टर भी था जो लोगों की सेवा करता है। उसने भी अपनी जान गंवा दी।"
इस हमले में सात लोग मारे गए, जिनमें एक स्थानीय डॉक्टर और छह गैर-स्थानीय मजदूर शामिल थे, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। अब्दुल्ला ने कहा कि यदि आतंकवादी सोचते हैं कि वे इस तरह के कृत्यों में लिप्त होकर जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी हुकूमत स्थापित कर लेंगे, तो वे गलतफहमी में हैं।
एनसी अध्यक्ष ने कहा, "इन दरिंदों को क्या मिलेगा? क्या वे सोचते हैं कि वे यहां पाकिस्तान स्थापित करेंगे? हम कई सालों से देख रहे हैं कि वे (आतंकवादी) वहां से आ रहे हैं। हम इस समस्या को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि हम अपनी कठिनाइयों से बाहर आ सकें। मैं पाकिस्तान के शासकों से कहना चाहता हूं कि अगर वे वास्तव में भारत के साथ दोस्ती चाहते हैं, तो उन्हें यह बंद कर देना चाहिए। कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा।"
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर के लोगों को शांति और सम्मान से रहने देना चाहिए तथा उन्हें अपने देश के विकास पर ध्यान केंद्रित करने देना चाहिए।
उन्होंने कहा, "कृपया हमें सम्मान के साथ जीने दीजिए, हमें विकास करने दीजिए। आप हमें कब तक दुखों में रखेंगे? आपने 1947 में कबायली हमलावरों को भेजकर और निर्दोष लोगों को मारकर इसकी शुरुआत की थी। क्या आप यहां पाकिस्तान बनाने में सफल रहे? अगर आप 75 साल में सफल नहीं हुए, तो अब कैसे सफल होंगे?"
उन्होंने कहा, "अल्लाह के लिए अपने देश का ख्याल रखें और विकास पर ध्यान दें तथा हमें अपने ईश्वर की दया पर छोड़ दें। हम यहां गरीबी और बेरोजगारी को खत्म करना चाहते हैं। यह आतंकवाद के जरिए हासिल नहीं किया जा सकता।"
अब्दुल्ला ने कहा कि हमले का असर जम्मू-कश्मीर के सभी लोगों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा, "अगर यह (रक्तपात) जारी रहा तो हम कैसे आगे बढ़ेंगे? समय आ गया है कि उन्हें इसे रोकना चाहिए, नहीं तो बाद में इसके परिणाम कठोर होंगे।"