कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को दावा किया कि देश में विकास के नाम पर आदिवासियों की जमीन ”छीनी” जा रही है। गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ आज सुबह झारखंड के खूंटी जिले से फिर शुरू हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की पिछली भाजपा सरकार ने आदिवासियों की कई एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया था, लेकिन इस जमीन का कोई इस्तेमाल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने एक भूमि अधिग्रहण कानून पेश किया था, जिसके तहत यह प्रावधान किया गया था कि किसी भी आदिवासी की जमीन ग्राम सभा की सहमति के बिना नहीं ली जाएगी।
गांधी ने दावा किया, “कानून के प्रावधानों के अनुसार, अगर उनकी जमीन ली भी जाती है, तो उन्हें बाजार दर से चार गुणा मुआवजा दिया जाएगा। और, यदि अधिग्रहीत भूमि का उपयोग पांच साल तक नहीं किया जाता है, तो इसे मूल मालिक को सौंपना होगा।”
उन्होंने झारखंड की पिछली भाजपा सरकार पर ‘भूमि बैंक बनाने के लिए आदिवासियों की लाखों एकड़ जमीन का अधिग्रहण करने और फिर उसका इसका कोई इस्तेमाल नहीं करने” का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘अब, आदिवासी अपनी जमीन वापस चाहते हैं।’
उन्होंने कहा, ”ममता जी ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा हैं, अन्य सदस्यों की तरह जो इसका हिस्सा हैं।”उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन के सदस्यों के बीच बातचीत जारी है और ‘यह सामान्य है’। पिछले हफ्ते बनर्जी ने कहा था कि उनकी पार्टी टीएमसी पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कांग्रेस पर चुनाव में भाजपा की मदद के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से हाथ मिलाने का आरोप लगाया था।