उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियां मुस्तैद हो गई हैं। यहां सबसे बड़े मतदाता वर्ग ओबीसी को रिझाने के लिए सभी राजनीतिक दल प्रयासरत हैं। ऐसे में अब समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी एड़ी चोटी एक करते नजर आ रहे हैं। सपा प्रमुख अब जाति आधारित जनगणना को मुद्दा बनाकर पिछड़े समुदायों के लोगों को साधना चाह रहे हैं। लिहाजा पिछले दिन मुजफ्फरनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार पिछड़े समुदायों के लिए जाति जनगणना नहीं कराना चाहती है। मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सत्ता में आने पर हम आपके लिए यह करेंगे।"
अखिलेश ने मुजफ्फरनगर के बढ़ाना इलाके में सपा द्वारा आयोजित कश्यप महासम्मेलन में कहा कि जो सरकार पिछड़ों की गिनती नहीं करा सकती है वह हक और सम्मान नहीं देगी। भाजपा पिछड़ों का आरक्षण छीन रही है। समाजवादी सरकार आने पर पिछड़ों की गिनती कराकर भागीदारी और सम्मान दिया जाएगा।
अखिलेश ने कहा कि विधानसभा चुनाव में इंकलाब होगा और 2022 में बदलाव होगा। प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने जा रही है। सपा के साथ हर वर्ग का समर्थन है।
उन्होंने कहा, ‘‘समाजवादी सरकार बनने पर किसानों का सम्मान होगा। नौजवानों को नौकरी मिलेगी। महंगाई कम होगी। बिजली के बिल से किसानों, बुनकरों को राहत मिलेगी। सिंचाई मुफ्त करेंगे। पढ़ाई का अच्छा इंतजाम किया जायेगा।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार में कश्यप समाज से लेकर सभी वर्गों का सम्मान होगा। कश्यप समाज की जो 18 सूत्री मांगे हैं उन पर विचार किया जाएगा। किसान, पिछड़े, अगड़े, दलित, अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्गों की बड़े पैमाने पर भागीदारी रहेगी।
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों-नौजवानों-पिछड़ों-दलितों, अगड़ों सभी को धोखा दिया है। ये नफरत फैलाने वाले समाज में खाईं पैदा करने वाले लोग हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्वांचल के लोगों ने भाजपा के लिए दरवाजा बंद कर दिया है। अब पश्चिमी यूपी के लोग भी उसके लिए दरवाजा बंद कर देंगे। किसान-नौजवान, पिछड़े, अगड़े, दलित, अल्पसंख्यक सभी मिलकर इस बार भाजपा का सफाया कर देंगे।