देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज लगभग 4,800 निर्वाचित सांसद एवं विधायक मतदान करेंगे।मतदान सोमवार सुबह 10 बजे से शुरू हो गया जो शाम 5 बजे तक चलेगा। राज्यों के विधानसभा और संसद भवन में मतदान हो रहा है। इसमें विधायक और लोकसभा-राज्यसभा के सांसद मतदान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित कई दिग्गज नेता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर चुके हैं।
इस चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू की स्थिति विपक्ष के यशवंत सिन्हा की तुलना में स्पष्ट रूप से मजबूत है और उनके पक्ष में 60 प्रतिशत से ज्यादा मत पड़ने की संभावना है।
जबकि मतगणना 21 जुलाई को होगी और अगले राष्ट्रपति द्वारा 25 जुलाई को शपथ ग्रहण की जाएगी।
गौरतलब है कि बीजू जनता दल (बीजद), वाईएसआर कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक), जनता दल (सेक्लुयर), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), शिरोमणि अकाली दल (शिअद), शिवसेना और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जैसे क्षेत्रीय दलों के समर्थन के साथ राष्ट्रपति पद के लिए राजग की उम्मीदवार मुर्मू की वोट हिस्सेदारी करीब दो-तिहाई पहुंच सकती है और वह इस शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला बन सकती हैं।
राजग की उम्मीदवार के पास अब कुल 10,86,431 मतों में से 6.67 लाख से ज्यादा वोट हैं।
मुर्मू की वोट हिस्सेदारी 61 प्रतिशत से अधिक हो सकती है, जिसके नामांकन पत्र दाखिल करने के समय लगभग 50 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया जा रहा था।
आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में निर्वाचित सांसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। मनोनीत सांसद एवं विधायक और विधान परिषद के सदस्य इस चुनाव में मतदान करने के हकदार नहीं हैं।
संसद के एक सदस्य का मत मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है क्योंकि जम्मू कश्मीर में अभी कोई विधानसभा नहीं है।
विभिन्न राज्यों में विधायकों का मत मूल्य अलग-अलग होता है। उत्तर प्रदेश के 403 विधायकों में से प्रत्येक का मत मूल्य 208 है, यानी उनका कुल मूल्य 83,824 है। तमिलनाडु और झारखंड के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य 176 है। इसके बाद महाराष्ट्र का 175, बिहार का 173 और आंध्र प्रदेश के हरेक विधायक का मत मूल्य 159 है।
छोटे राज्यों में सिक्किम के प्रत्येक विधायक का मत मूल्य सात है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम का मत मूल्य आठ-आठ, नगालैंड का नौ, मेघालय का 17, मणिपुर का 18 और गोवा का मत मूल्य 20 है। केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी के एक विधायक का मत मूल्य 16 है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व भाजपा नेता सिन्हा को उम्मीदवार बनाने से पहले विपक्ष ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से भी संपर्क किया था लेकिन उन्होंने चुनावी मुकाबले में खड़े होने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सिन्हा को विपक्ष का उम्मीदवार बनाया गया।
राष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से होता है। आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार एकल संक्रमणीय मत के माध्यम से, प्रत्येक निर्वाचक उतनी ही वरीयताएं अंकित कर सकता है, जितने उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। उम्मीदवारों के लिए ये वरीयताएं निर्वाचक द्वारा मत पत्र के कॉलम दो में दिए गए स्थान पर उम्मीदवारों के नाम के सामने वरीयता क्रम में, अंक 1,2,3, 4, 5 और इसी तरह रखकर चिह्नित की जाती हैं।
यही वजह है कि राष्ट्रपति पद के चुनाव के साथ-साथ उपराष्ट्रपति, राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) का इस्तेमाल नहीं किया जाता। ईवीएम एक ऐसी तकनीक पर आधारित हैं, जिसमें वे लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसे प्रत्यक्ष चुनावों में मतों को संग्रह करने का काम करती हैं। मतदाता अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम के सामने वाले बटन को दबाते हैं और जो सबसे अधिक वोट प्राप्त करता है उसे निर्वाचित घोषित किया जाता है।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, राष्ट्रपति चुनाव के तहत मतदान के दौरान सांसदों और विधायकों को अलग-अलग रंग के मतपत्र दिए जाएंगे। सांसदों को जहां हरे रंग के मतपत्र दिए जाएंगे, वहीं विधायकों को गुलाबी रंग के मतपत्र मिलेंगे। चूंकि अलग-अलग रंग के मतपत्र होंगे, लिहाजा निर्वाचन अधिकारियों को मतों की गिनती करने में आसानी होगी।
मतदान की गोपनीयता को बरकरार रखने के लिए निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचन अधिकारी और सहायक निर्वाचन अधिकारियों को मतदाताओं को अपने मत पत्रों पर निशान लगाने के लिए बैंगनी स्याही वाली एक खास तरह की कलम उपलब्ध कराई हैं।