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वायनाड: भूस्खलन को लेकर तेजस्वी सूर्या की टिप्पणी के बाद लोकसभा में विपक्ष का हंगामा

लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने उस समय हंगामा किया जब भारतीय जनता पार्टी के सांसद तेजस्वी सूर्या ने...
वायनाड: भूस्खलन को लेकर तेजस्वी सूर्या की टिप्पणी के बाद लोकसभा में विपक्ष का हंगामा

लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने उस समय हंगामा किया जब भारतीय जनता पार्टी के सांसद तेजस्वी सूर्या ने केरल के वायनाड में ‘‘अतिक्रमण’’ को लेकर प्रदेश की सरकार और कांग्रेस पर सवाल खड़े किए तथा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को भी परोक्ष रूप से निशाने पर लिया। सदन में नियम 197 के तहत प्राकृतिक आपदा पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अपनी बात रखते हुए सूर्या ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में केरल में कई प्राकृतिक आपदाएं खासकर भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं जिनमें बहुत सारे निर्दोष लोगों की जान गई है।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?’’ उन्होंने कहा कि राज्य के वन मंत्री ने केरल विधानसभा में कहा था कि अवैध अतिक्रमण नहीं हटाया जा सकता, क्योंकि धार्मिक संगठनों का दबाव है। भाजपा सांसद ने दावा किया कि वायनाड में गैरकानूनी अतिक्रमण का विषय जब कांग्रेस के एक सांसद ने उठाया तो उनका टिकट काट दिया गया। सूर्या ने कहा कि वायनाड से पांच साल तक सांसद रहे नेता ने वहां की प्राकृतिक आपदा को लेकर कभी आवाज नहीं उठाई।इसके बाद विपक्ष के सदस्य हंगामा करने लगे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही अपराह्न तीन बजकर करीब 50 मिनट पर शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही फिर से आरंभ होने पर कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि तेजस्वी सूर्या को इस दुखद घटना पर राजनीति करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इस त्रासदी पर विपक्ष की तरफ से किसी ने राजनीति नहीं की, लेकिन सत्तापक्ष के सांसद से राजनीति की है...उन्होंने राहुल गांधी के बारे में सवाल खड़े किए हैं। राहुल गांधी ने वायनाड में प्राकृतिक आपदाओं को लेकर कितनी बार आवाज उठाई है, इसका रिकॉर्ड देखा जा सकता है।’’

वेणुगोपाल का कहना था, ‘‘वायनाड, करेल और भारत के लोग राहुल गांधी को प्यार करते हैं। वह वायनाड से 3.6 लाख से अधिक मतों से जीते हैं।’’ बिरला ने कहा कि सूर्या के भाषण में जो बात इस सदन और घटना की मर्यादा के अनुरूप नहीं होगी उसे कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। इससे पहले, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर नित्यानंद राय ने कहा कि आपदाओं के प्रबंधन के लिए 33 दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनमें बाढ़ और भूस्खलन से संबंधित दिशानिर्देश भी शामिल हैं।

उन्होंने केंद्र सरकार के कई कदमों का उल्लेख किया और कहा कि 350 जिलों में आपदा के बचाव हेतु स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने के लिए योजना शुरू कर गई है और लगभग एक लाख स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया गया है। राय का कहना था कि ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए नियमित रूप से मॉक अभ्यास और जागरुकता कार्यक्रम किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि 23 जून, 2024 को गृह मंत्री की अध्यक्षता में सभी केंद्रीय एजेंसियों की बैठक की गई, जिसमें सभी राज्यों को जरूरी मदद देने के लिए कहा गया है।

कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘वायनाड की घटना बड़ी त्रासदी है। खबरों के मुताबिक, 150 लोगों की मौत हुई है। अभी यह पता नहीं है कि कितने लोग लापता हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बचाव कार्य के लिए कदम उठाए जाएं और दीर्घकालिक स्तर पर इसका प्रयास होना चाहिए ताकि लोगों को इस तरह की आपदा से सुरक्षित रखा जा सके।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्य की वित्तीय मदद करनी चाहिए।

वेणुगोपाल ने कहा कि बचाव अभियान के बाद राजनीति हो सकती है, लेकिन फिलहाल सबको मिलकर राहत और बचाव पर ध्यान देना है। आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने कहा कि सभी दलों के लोगों से चर्चा करके प्रभावित इलाके के लोगों का पुनर्वास किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। आईयूएमएल के सांसद ईटी मोहम्मद बशीर और कुछ अन्य सदस्यों ने वायनाड के हादसे पर दुख जताया।

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