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छत्तीसगढ़: कौन हैं टीएस सिंहदेव जिनके कारण खतरे में है भूपेश बघेल की कुर्सी

पंजाब और राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ की राजनीति में बदलाव को लेकर सियासी घमासान बना हुआ है। राज्य में...
छत्तीसगढ़: कौन हैं टीएस सिंहदेव जिनके कारण खतरे में है भूपेश बघेल की कुर्सी

पंजाब और राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ की राजनीति में बदलाव को लेकर सियासी घमासान बना हुआ है। राज्य में भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस सरकार के ढाई साल पूरा कर लेने के बाद अब मुख्यमंत्री बदलने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। अब कुर्सी के दावेदार के रूप में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्यमंत्री टीएस सिंहदेव का नाम सामने आ रहा है। ऐसे स्थिति में इस विवाद को पार्टी आलाकमान जल्द से जल्द निपटाना चाहता है। जिसके लिए आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव को मुलाकात के लिए भी बुलाया।

छत्तीसगढ़ में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री की रेस में भूपेश बघेल, टीएस सिंह देव और ताम्रध्वज साहू के नाम सबसे ज्यादा चर्चा में थे। उस दौरान आलाकमान ने भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ की सीएम की कुर्सी पर बैठाया था औऱ टीएस सिंह देव को स्वास्थ्य मंत्री का पद संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी। उस वक्त कहा जा रहा था कि पार्टी ने दोनों नेताओं से ढाई-ढाई साल तक सीएम रहने का वादा किया था। हालांकि सिंह देव ने इस बात से साफ इनकार कर दिया था।

जानिए कौन हैं टीएस बाबा

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव का पूरा नाम त्रिभुवनेश्वर सिंह देव है। जो सरगुजा के राजघराने से ताल्लुकात रखते हैं। जिसकी वजह से वे पूरे राज्य में सबसे अमीर विधायक हैं। इससे पहले वे 2013-18 तक नेता प्रतिपक्ष रहे। उस दौर में छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी और सीएम की कुर्सी पर रमन सिंह स्थापित थे।

टीएस सिंह देव अंबिकापुर सीट से विधायक हैं। इस सीट से वे पिछले तीन बार से विधायक बनते आ रहे हैं। उन्होंने 2018 में इस सीट से भाजपा के अनुराग सिंह देव को हराया था। वे पहले चुनाव में 900 , दूसरे चुनाव में 19 हजार औऱ तीसरे चुनाव में 39,624 वोटों से भाजपा को मात दे कर इस सीट पर कब्जा किया था।

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 2018 के विधानसभा चुनाव में चर्चा में रहे टीएस सिंह देव ने अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने उस दौर के कांग्रेस का घोषणापत्र तैयार किया था, जिसने काफी चर्चाएं बटोरी थीं। इस घोषणापत्र में सभी वर्गों की ओर ध्यान केंद्रित कर वादे किए गए थे। इतना ही नहीं चुनाव के दौरान टीएस सिंह देव ने पूरे राज्य में दौरे के दौरान लाखों लोगों से मुलाकात की थी।

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