पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा से पहले आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों द्वारा फिर से ‘पूर्ण रूप से काम बंद’ करने के मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कहा कि लोग पूरे साल इस त्योहार का इंतजार करते हैं।
ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री सुजीत बोस द्वारा श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब में आयोजित सामुदायिक दुर्गा पूजा में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा विभिन्न दुर्गा पूजा के आयोजनों के लिए दी जाने वाली वार्षिक सहायता ऐसे कई क्लब के लिए मददगार होती है जो आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं।
उनकी यह टिप्पणी अगस्त में आरजी कर अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद कई क्लबों द्वारा 85,000 रुपये की वित्तीय सहायता अस्वीकार करने की पृष्ठभूमि में आई है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘राज्य के लोग सालभर दुर्गा पूजा समारोहों के आयोजन की प्रतीक्षा करते हैं। बंगाल में दुर्गा पूजा त्योहार के मौसम की शुरुआत है। इसके बाद दिवाली, काली पूजा और छठ पूजा होती है। यह त्योहारों का मौसम दिसंबर में क्रिसमस तक रहता है।’’
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को टिप्पणी की थी कि चिकित्सकों को आंतरिक एवं बाह्य रोगी सेवाओं सहित आवश्यक कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। इसके एक दिन बाद मंगलवार को पश्चिम बंगाल में आंदोलनकारी जूनियर चिकित्सकों ने मंगलवार को फिर से ‘पूर्ण रूप से काम बंद’ कर दिया तथा मांग की कि राज्य सरकार अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता सहित विभिन्न मुद्दों का समाधान करे।
चिकित्सकों के मंगलवार सुबह से अनिश्चितकालीन और पूर्ण रूप से काम बंद करने के निर्णय की घोषणा करने से पहले रात भर उनकी गवर्निंग बॉडी की बैठक हुई।
बनर्जी ने 20 सितंबर तक 42 दिन तक काम बंद रहने के पहले चरण के दौरान जूनियर चिकित्सकों से काम पर लौटने का अनुरोध करते हुए कहा था कि लोग साल भर दुर्गा पूजा का इंतजार करते हैं।
उन्होंने आज कहा, ‘‘ऐसे क्लब हैं जिन्हें राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता की आवश्यकता नहीं है। लेकिन कई छोटे क्लब हैं, जिनके लिए 85,000 रुपये का यह अनुदान बहुत उपयोगी है, इसके अलावा उन्हें कार्यक्रम के आयोजन के लिए बिजली शुल्क में छूट भी दी जा रही है।’’
चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शनों के साथ अभूतपूर्व तरीके से एकजुटता दिखाते हुए पूरे पश्चिम बंगाल में छोटी और बड़ी दोनों तरह की कई दुर्गा पूजा समितियों ने राज्य सरकार द्वारा त्योहार के लिए पारंपरिक रूप से दिए जाने वाले 85,000 रुपये के अनुदान को अस्वीकार कर दिया है, तथा इस वर्ष भव्य समारोह के आयोजन से परहेज करने का निर्णय लिया है।
दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत नौ अक्टूबर से होगी और यह 12 अक्टूबर को विजया दशमी पर समाप्त होगा।