देश में फिलहाल लोकसभा चुनाव का माहौल है। सभी अपने-अपने स्तर पर जानने और समझने की कोशिश कर रहे हैं कि सत्ता में कौन आएगा और कौन नहीं। राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर के बाद अब योगेंद्र यादव ने भी बीजेपी की जीत की भविष्यवाणी की है। यादव ने कहा कि बीजेपी एक बार फिर केंद्र में सरकार बनाने जा रही है हालांकि कांग्रेस अपने रिवाइवल की जमीन तैयार करने में कामयाब होगी। यादव के अनुसार कांग्रेस की सीटें भी 100 के आंकड़े को पार कर सकती है।
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले प्रशांत किशोर ने भी भाजपा के जीत को लेकर भविष्यवाणी किया था। अब यादव के भविष्यवाणी के बाद प्रशांत ने उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा, यादव के मुताबिक बीजेपी 240 से 260 सीटें जीत सकती है। इसके अलावा बीजेपी के सहयोगी पार्टी 35 से 45 सीट पर अपनी पकड़ बना सकते हैं, ऐसे में एनडीए का आंकड़ा 275 से 305 के आसपास पहुंच सकता है जिससे एनडीए की सरकार बन सकती है।
प्रशांत किशोर ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, “चुनाव और सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों को गहराई से समझने वालों में से एक योगेंद्र यादव ने भी अपना विश्लेषण साझा किया है। उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भविष्यवाणी की है जिसके मुताबिक बीजेपी को 240 से 260 सीटें मिल सकती हैं। वहीं उसकी सहयोगी पार्टियां भी 35 से 45 सीटों पर जीत हासिल कर सकते हैं। ऐसे में बीजेपी के पास 275 से 305 सीटें होंगी।” किशोर ने आगे लिखा, “केंद्र में सरकार बनाने के लिए 272 का आंकड़ा चाहिए। इस लोकसभा में बीजेपी के पास 303 और एनडीए के पास 323 सीटें हैं। शिवसेना ने भी एनडीए का हिस्सा रहते हुए 18 सीटें जीती थी। अब खुद आकलन कर लीजिए कि किसकी सरकार बन रही है। बाकी 4 जून को पता चल जाएगा कि कौन किसकी बात कर रहा है।”
मालूम हो कि यादव के अनुसार कांग्रेस को 85 से 100 और इंडी गठबंधन को 120 से 135 सीटें मिल रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को केवल 52 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं प्रशांत ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बीजेपी आसानी से बहुमत का आंकड़ा प्राप्त कर सकती है। क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कोई खास गुस्सा या असंतोष नहीं दिख रहा है।
किशोर ने कहा, “मुझे लगता है कि मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा, वापसी कर सकती है। उन्हें पिछले चुनाव के समान या उससे थोड़ी बेहतर संख्या मिल सकती है।” प्रशांत ने आगे कहा, "हमें बुनियादी बातों पर ध्यान देना चाहिए। अगर मौजूदा सरकार और उसके नेता के खिलाफ गुस्सा है, तो संभावना है कि विकल्प के तौर पर कोई भी हो, लोग उसे वोट देने का फैसला कर सकते हैं। मोदीजी के खिलाफ व्यापक जनाक्रोश जैसी बातें हमने नहीं सुनी है। लोगों के मध्य निराशा या अधूरी आकांक्षाएं हो सकती हैं लेकिन हमने आक्रोश के बारे में नहीं सुना है।"