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उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों ने सहकारिता क्षेत्र को 'बर्बाद' किया, इसे हमने संभाला: योगी आदित्यनाथ का आरोप

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों पर राज्य के सहकारिता...
उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों ने सहकारिता क्षेत्र को 'बर्बाद' किया, इसे हमने संभाला: योगी आदित्यनाथ का आरोप

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों पर राज्य के सहकारिता क्षेत्र को ‘‘बर्बाद’’ करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि पिछली सरकारें ‘‘एक जिला, एक माफिया’’ पालती थीं मगर वर्तमान सरकार ‘‘एक जिला, एक सहकारी बैंक’’ की दिशा में आगे बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने आयोजित ‘युवा सहकार सम्मेलन’ में कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के शासन में सहकारिता विभाग की हालत बहुत खराब थी।

उन्होंने कहा, ‘‘याद करिए कि 2017 से पहले हमारे जिला सहकारिता बैंकों की स्थिति क्या थी…. 16 बैंक ऐसे थे जो दिवालिया घोषित हो चुके थे। रिजर्व बैंक ने उनके लाइसेंस जब्त कर लिए थे लेकिन अब उत्तर प्रदेश के सहकारिता बैंक दिवालिया नहीं हैं। अब ये बैंक बीमार नहीं है, वे स्वयं तो स्वस्थ हैं ही बल्कि सहकारिता से जुड़े अपने सभी सदस्यों की और हर किसान की समृद्धि में भी योगदान दे रहे हैं।”

आदित्यनाथ ने कहा, ”अच्छी सरकार आती है तो यही होता है। पिछली सरकारें एक जिला, एक माफिया पालती थीं। सहकारिता क्षेत्र तो पिछली सरकारों के माफिया राज के कारण बर्बाद हो गया था, किसान की पूंजी फंस गई थी।”

उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के शासन में जिन 16 सहकारी बैंकों के लाइसेंस जब्त कर लिये गये थे, उनमें किसानों के 4,700 करोड़ रुपये फंस गये थे। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार ने धीरे-धीरे वह धन किसानों को वापस कराया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”आज वह पैसा भी वापस हो चुका है और बैंक भी फिर से अपना काम करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। अब हम लोग एक जिला, एक सहकारिता बैंक की दिशा में उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ा रहे हैं और इसे हमें और आगे बढ़ाना चाहिए क्योंकि यह आज की आवश्यकता है।”

आदित्यनाथ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा कि उनकी सरकार ने सहकारिता क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं क्योंकि सहकारिता आपसी विश्वास, सामाजिक क्षमता और आत्मनिर्भरता की गारंटी भी है।

उन्होंने कहा, ”पिछले 11 वर्षों में हमने बदलते हुए भारत को देखा है। तकनीक का उपयोग करते हुए कैसे हम अपने जीवन को सरल कर सकते हैं, भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था दे सकते हैं, डिजिटलीकरण, ई गवर्नेंस और पारदर्शी नीतियों के माध्यम से आज सहकारिता क्षेत्र में भी सुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित होने की कार्रवाई आगे बढ़ी है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने प्रयास किया है कि प्रदेश में जितना भी उर्वरक, रसायन और कीटनाशक पदार्थों का वितरण होता है, उसमें से कम से कम आधा तो सहकारिता विभाग से जुड़ी साधन सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित हो, लेकिन इसके लिए समुचित श्रम शक्ति की व्यवस्था करनी होगी। कार्यक्रम को प्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री जे.पी.एस. राठौर और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने भी संबोधित किया।

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