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Search Result : "`लोक सुराज यात्रा"

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर शीर्ष अमेरिकी सीनेटरों ने जताई चिंता

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर शीर्ष अमेरिकी सीनेटरों ने जताई चिंता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले शीर्ष अमेरिकी सीनेटरों ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता, सिविल सोसाइटी और मानवाधिकारों पर कथित रूप से बढ़ते हमलों पर गंभीर चिंता जताई है। सीनेटरों की चिंता पर ओबामा प्रशासन ने कहा कि वह इन मुद्दों पर भारत के साथ बात कर रहा है।
छत्तीसगढ़ में 36 लाख परिवारों को निशुल्क खसरा

छत्तीसगढ़ में 36 लाख परिवारों को निशुल्क खसरा

छत्तीसगढ़ में पिछले लगभग एक महीने से जारी लोक सुराज अभियान के दौरान मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पाया कि राज्य के किसान और ग्रामीण अपनी जमीन का खसरा-नक्शा लेने के लिए परेशान होते हैं। इसके लिए उन्हें दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इन्हीं सब परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के 36 लाख परिवारों को उनकी जमीन का मुफ्त खसरा-नक्शा उपलब्ध कराने का फैसला किया है।
भारत, ईरान के बीच चाबहार पोर्ट समेत कई समझौतों पर दस्तखत

भारत, ईरान के बीच चाबहार पोर्ट समेत कई समझौतों पर दस्तखत

पीएम नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर दस्तखत हुए। इनमें रणनीतिक तौर पर बेहद अहम चाबहार बंदरगाह को लेकर हुआ समझौता भी शामिल है। दोनों देश कट्टरपंथ और आतंकवाद से लड़ने में सहयोग पर भी सहमत हुए।
ईरान पहुंचे मोदी: चाबहार बंदरगाह, उर्जा करार यात्रा का मुख्य एजेंडा

ईरान पहुंचे मोदी: चाबहार बंदरगाह, उर्जा करार यात्रा का मुख्य एजेंडा

ईरान के साथ व्यापार, निवेश व उर्जा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की यात्रा पर रविवार को तेहरान पहुंचे। इस यात्रा के दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ईरान के चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।
मोदी की ईरान यात्रा से पहले आकाशवाणी का फारसी सेवा के लिए ऐप

मोदी की ईरान यात्रा से पहले आकाशवाणी का फारसी सेवा के लिए ऐप

ऑल इंडिया रेडियो के विदेश सेवा प्रभाग की फारसी सेवा एक मल्टीमीडिया वेबसाइट और मोबाइल ऐप शुरू कर रही है। यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जब रविवार से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा शुरू हो रही है।
चर्चाः कुरुक्षेत्र नहीं काशी के रास्ते रथ | आलोक मेहता

चर्चाः कुरुक्षेत्र नहीं काशी के रास्ते रथ | आलोक मेहता

युग बदल गया है। अब कुरुक्षेत्र में सत्ता के लिए आमने-सामने संघर्ष नहीं होता। सोमनाथ से अयोध्या की रथयात्रा ने भारतीय जनता पार्टी को पहली बार सत्ता दिलाई। सोमनाथ की तरह काशी (बनारस-वाराणसी) भी आजादी के बाद राजनीतिक सत्ता संघर्ष का एक बड़ा केंद्र रहा है।
डिजिटल बनेगा तभी तो बढ़ेगा इंडिया

डिजिटल बनेगा तभी तो बढ़ेगा इंडिया

मौजूदा सरकार देश को डिजिटल रूप से सशक्त और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए डिजिटल इंडिया क्रार्यक्रम लागू करने जा रही है। इसके तहत आयकर, ब्रिकी कर, पासपोर्ट, डाइविंग लाइसेंस, पेंशन आदि ऑनलाइन माध्यम से जारी किए जा सकेंगे।
लकीर बड़ी करने में विश्वास : डॉ. रमन सिंह

लकीर बड़ी करने में विश्वास : डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को 12 साल से सत्ता में बने हुए हैं और अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में दमखम से जुटे हुए हैं। राजनीतिक समीकरणों पर उनकी निगाह है। अरसे से उन्होंने विकास कार्यक्रमों को अपना कारगर हथियार बना रखा है। नक्सली हिंसा के मुकाबले के लिए भी वे जनता से सीधा संवाद और विकास योजनाओं के सूक्ष्म स्तर तक क्रियान्वयन को सटीक फार्मूला मानते हैं। पार्षद से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले रमन सिंह को जनता की नब्ज सटीक तौर पर समझने-परखने वाला नेता माना जाता है। छत्तीसगढ़ में अभी हाल उन्होंने `लोक सुराज यात्रा' का अभियान शुरू किया है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के इलाकों के दौरे में डॉ. रमन सिंह के साथ आउटलुक के समाचार संपादक दीपक रस्तोगी ने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश :
छग में नक्सल प्रभावित पिछड़े गांवों के कायापलट का अभियान

छग में नक्सल प्रभावित पिछड़े गांवों के कायापलट का अभियान

छत्तीसगढ़ में लोक सुराज अभियान के तहत अति नक्सल प्रभावित पिछड़े गांवों के कायापलट का अभियान शुरू किया गया है। पहले दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अति नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के बासिंग गांव का औचक दौरा किया।
बिहार के गांव से तिहाड़ तक के सफर पर किताब लिखेंगे कन्हैया

बिहार के गांव से तिहाड़ तक के सफर पर किताब लिखेंगे कन्हैया

जेएनयू में कथित देशविरोधी नारेबाजी के बाद देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हुए छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार अपनी जीवन यात्रा पर अब एक किताब लिखेंगे। इस किताब में कन्हैया बिहार के एक गांव से शुरु होकर देशद्रोह के आरोप में दिल्ली के तिहाड़ जेल जाने तक के अपने जीवन के सफर पर रौशनी डालेंगे।
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