छात्र राजनीति में आंदोलन, हड़ताल, हिंसा की घटनाएं पहले भी होती रही हैं। लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हुए टकराव में भयावह शब्दों के साथ घृणित हिंसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
जाने माने नोबेल पुरस्कृत अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को लगता है कि भारत में भय का माहौल व्याप्त है। देश के विश्वविद्यालयों पर खतरा मंडराने लगा है। बोलने की आजादी पर बंदिश लगाने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने नोटबंदी के केंद्र सरकार के कदम को अजीबोगरीब करार दिया है। उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय का चांसलर हिंदुत्व के एक पैरोकार को बनाए जाने को लेकर भी मोदी सरकार की खिंचाई की है।
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय परिसर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (आइसा) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद पूरे परिसर में तनाव है। हाल ही में दिल्ली के रामजस कॉलेज में भी एबीवीपी और आइसा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी जिसकी वजह से दिल्ली विश्वविद्यालय में भी तनाव है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज में हिंसक झड़पों के कुछ दिन बाद लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा और करगिल में शहीद हुए जवान की बेटी ने सोशल मीडिया पर एक अभियान शुरू किया है, जिसका नाम है- मैं एबीवीपी से नहीं डरती। यह अभियान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने अपनी शैक्षिक योग्यता की जानकारी देने से दिल्ली विश्वविद्यालय को रोका था। स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) को सुनवाई के दौरान यह बताया है। अब आयोग ने एसओएल को स्मृति की शिक्षा से जुड़े सभी रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है।
प्रकाश अंबेडकर के नेतृत्व में भारिपा बहुजन महासंघ (बीबीएम) ने आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव में 40 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। महाराष्ट्र में बीबीएम का केवल एक विधायक है। राज्य के विदर्भ क्षेत्र में अकोला और वाशिम जिले के बाहर पार्टी की कोई उपस्थिति नहीं है।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के 61वें निर्वाण दिवस पर जनता का आह्वान किया कि अवाम को फकीर बनाने वाली भाजपा को उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में करारी शिकस्त देकर चौथे नंबर पर लाना होगा।
नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के बाद नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे चांसलर जॉर्ज यो ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे की वजह विश्वविद्यालय की स्वायत्ता को प्रभावित किया जाना है।
नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन के बाद नालंदा विश्वविद्यालय के दूसरे चांसलर जाॅर्ज यो ने शुक्रवार को यह कहते हुए पद से इस्तीफा दे दिया कि विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को प्रभावित किया जा रहा है क्योंकि उन्हें संस्थान में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर नोटिस तक नहीं दिया गया।
नोटबंदी के फैसले से परेशान किसानों को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इस समय चूंकि बुआई का समय है, इसलिए इसको देखते हुए किसान बीजों की खरीद में पूराने 500 रुपये के नोट का इस्तेमाल कर सकते हैं।