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नोटबंदी के असर को शामिल किए बिना ही जीडीपी ग्रोथ में गिरावट का अनुमान

नोटबंदी के असर को शामिल किए बिना ही जीडीपी ग्रोथ में गिरावट का अनुमान

सरकार ने वित्त वर्ष 2017 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) ग्रोथ के अनुमान के आंकड़े जारी कर दिए हैं। वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि वर्ष 2015-16 में यह 7.6 फीसदी पर थी। गौर हो कि पिछली क्रेडिट पॉलिसी में आरबीआई ने भी ग्रोथ की रफ्तार के अनुमान को 0.5 फीसदी घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया था। 7.1 फीसदी विकास दर का अनुमान पिछले 3 साल का निचला स्तर है।
नोटबंदी : आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया

नोटबंदी : आर्थिक वृद्धि का अनुमान 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया

बाजार की उम्मीदों के विपरीत भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को नीतिगत दरों में कोई कमी नहीं की और उन्हें जस का तस बनाए रखा। बाजार विश्लेषकों ने कहा था कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति अपनी दो दिन की बैठक में अपनी फौरी ब्याज दर रेपो में कम से कम 0.25 प्रतिशत की कमी कर सकती है ताकि आर्थिक वृद्धि को बढावा दिया जा सके।
भारत की वृद्धि दर 2017 में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान: संरा रिपोर्ट

भारत की वृद्धि दर 2017 में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान: संरा रिपोर्ट

संयुक्त राषट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार 2017 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। देश में सरंचनात्मक सुधारों के आगे बढ़ने से विनिर्माण आधार मजबूत हुआ है और निवेश गतिविधियां तेज हुई हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में 2016-17 और 2017-18 दोनों साल में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर बनी रहेगी।
पीएम मोदी चाहे कुछ बोलें : अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का अनुमान, विकास घटेगा

पीएम मोदी चाहे कुछ बोलें : अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों का अनुमान, विकास घटेगा

देश में मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के करीब 15 दिनों के बाद अब अंतरराष्ट्रीय आर्थिक एजेंसियां सुर बदलते हुए विकास दर घटने का अनुमान लगाने लगी है। हालांकि मोदी सरकार इस बात पर अब भी रजामंद नहीं हो रही है कि नोटबंदी से अर्थव्‍यवस्‍था को किसी तरह का नुकसान होगा। लेकिन इससे उलट अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां मोदी सरकार के इस सकारात्‍मक पक्ष को नहीं मान रही हैंं।
राजस्थान: नोटबंदी की मार, दो माह में एक लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान

राजस्थान: नोटबंदी की मार, दो माह में एक लाख करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान

फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री (फोर्टी) ने नोटबंदी से उत्पन्न स्थिति में सुधार के लिए कदम उठाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा है कि अगर यही हालात रहे तो दो माह में एक लाख करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान हो सकता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का रास्ता मुश्किल भरा : सिटीग्रुप

भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का रास्ता मुश्किल भरा : सिटीग्रुप

भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का रास्ता मुश्किल भरा रहा है क्योंकि वित्त वर्ष 2015-16 में औसत निवेश सूचकांक वित्त वर्ष 2006-07 के उच्चतम स्तर के मुकाबले लगभग 35 प्रतिशत नीचे रहा है। यह बात सिटीग्रुप की एक रपट में कही गई है।
देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-वेस्‍ट पैदा होने का अनुमान

देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-वेस्‍ट पैदा होने का अनुमान

देश में 2020 तक 52 लाख टन ई-कचरा पैदा होने का अनुमान है। अभी यह 18 लाख टन के स्तर पर है। एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है। दुनिया में भारत पांचवां सबसे बड़ा ई-कचरा उत्पादक है। एसोचैम-सीकाइनेटिक्स के अध्ययन में कहा गया है कि भारत का ई-कचरा सालाना 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
सरकार को झटकाः एडीबी ने घटाया भारत के वृद्धि दर का अनुमान

सरकार को झटकाः एडीबी ने घटाया भारत के वृद्धि दर का अनुमान

वैश्विक चुनौतियों के कारण भारत की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 7.4 प्रतिशत रह जाएगी लेकिन अपेक्षाकृत अधिक सुधार से देश को विश्व की सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाली अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। यह बात आज एशियाई विकास बैंक ने कही।
आर्थिक समीक्षाः जीएसटी पर जोर,  7 से 7.75 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान

आर्थिक समीक्षाः जीएसटी पर जोर, 7 से 7.75 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान

आम बजट से तीन दिन पहले संसद में शुक्रवार को पेश आर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि 7 से 7.75 प्रतिशत के दायरे में रहने की उम्मीद जताते हुए जीएसटी सहित तमाम आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने, सब्सिडी कम करने और राजकोषीय अनुशासन के रास्ते पर बने रहने पर जोर दिया गया है।
विकास दर 5 साल में सबसे ज्यादा 7.6% रहने का अनुमान

विकास दर 5 साल में सबसे ज्यादा 7.6% रहने का अनुमान

भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था चालू वित्त वर्ष में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर सकती है जो पांच वर्ष की सबसे तेज विकास दर होगी। इसके साथ ही भारत इस मामले में चीन से ऊपर होगा जो नरमी से गुजर रहा है। इस तेजी में विनिर्माण और कृषि क्षेत्र का महत्वपूर्ण हाथ है जिनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत अच्छा चल रहा है।
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