अभिनेता आमिर खान अब अतुल्य भारत के ब्रांड एंबेसडर नहीं होंगे। पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने बताया है कि अतुल्य भारत अभियान के लिए आमिर खान का अनुबंध समाप्त गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई जिसमें भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल का फूल इस आधार पर वापस लेने का अनुरोध किया गया क्योंकि यह भगवान के स्वरूप को प्रदर्शित करता है और चुनावों के दौरान इसका उपयोग गैरकानूनी है।
अभिनेता टॉम ऑल्टर ने किसी दिन कहा, भारत हमेशा से असहिष्णु देश रहा है। क्या हमने आजादी के सिर्फ 5 महीने के अंदर महात्मा की हत्या नहीं कर दी? क्या सरकारों ने पुस्तकों, नाटकों, फिल्मों और प्रदर्शनियों को प्रतिबंधित नहीं किया?
देश में असहिष्णुता के कारण बढ़ती बेचैनी पर अपनी टिप्पणी के लिए अभिनेता आमिर खान चौतरफा आलोचनाओं के घेरे में आ गए हैं। जहां भाजपा ने उनके बयान को देश को बदनाम करने की कांग्रेस की गहरी राजनीतिक साजिश करार दिया वहीं हिंदू सेना ने मुंबई स्थित उनके घर के बाहर विरोध प्रदर्शन कर उनसे टिप्पणी वापस लेेने की मांग की।
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की असहिष्णुता पर बयानबाजी ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील पर भारी पड़ रही है। आमिर के बयान से नाराज लोग स्नैपडील के ऐप का बहिष्कार कर रहे हैं। आमिर की भड़ास स्नैपडील पर निकाली जा रही है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने फिल्म अभिनेता शाहरुख को देशद्रोही बताने वाले अपने विवादित ट्वीट से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा है कि उनका मकसद किसी को ठेस पहुंचाना नहीं था।
देश में बढ़ती असहिष्णुता के खिलाफ पुरस्कार लौटाने के तरीके पर असहमति जताते हुए मशहूर अभिनेता कमल हासन ने कहा कि पुरस्कार वापस करना इस समस्या का कोई समाधान नहीं है क्योंकि ध्यान आकर्षित करने के और भी तरीके हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का शहर मेरठ और वहां के कम पढ़े-लिखे बेरोजगार लड़के। वैसे ही जैसे खाली दिमाग शैतान का घर टाइप होते हैं। छोटी मोटी छेड़खानी और गुंडागर्दी से ही जिनका काम चलता है एक दिन उस समूह के लड़के अचानक खुद को एक बड़े गैंग के रूप में पाते हैं।
15 साल की उम्र में अभिनेता धर्मेंद्र की फिल्म मैं इंतकाम लूंगा देखकर मुक्केबाजी रिंग में उतरे कमल कुमार वाल्मीकि ने जिला और प्रदेश स्तर पर कई पदक जीते और उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया। लेकिन एक सफाई कर्मचारी का यह होनहार मुक्केबाज बेटा पैसों की तंगी के कारण आगे नही खेल सका और अब यह अपने मुक्केबाजी के करियर के सपनों को दफन कर रोजी रोटी के लिये 4200 रूपये प्रति माह पर कूड़ा-गंदगी उठा रहा है।
मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश साहित्य परिषद ने स्वराज संस्थान के सौजन्य से मुंशी प्रेमचंद जयंती पर निरंतर श्रृंखला में कथाकार स्वाति तिवारी का रचना पाठ आयोजित किया गया।